हाथरस गैंगरेप कांड का ज़ोरदार विरोध करने वाली कांग्रेस पार्टी बलात्कार जैसे मुद्दे पर अपनी अंदरूनी राजनीति में क्या रुख अपनाती है, यह देवरिया की एक घटना से साफ है।
मामला क्या है?
एनडीटीवी के अनुसार, देवरिया में उपचुनाव को लेकर एक टाउन हॉल सम्मेलन हुआ। इसमें महिला कांग्रेस की कार्यकर्ता तारा देवी ने मुकुन्द भास्कर को टिकट दिए जाने का यह कह कर विरोध किया कि भास्कर पर बलात्कार का आरोप है।विवाद की शुरुआत तब हुई जब तारा देवी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सचिन नायक के ऊपर कथित तौर पर फूलों का गुलदस्ता फेंक दिया। मोबाइल फ़ोन से बनाए गए वीडियो में दिखता है कि कुछ लोग तारा देवी को घेर कर उनसे हाथापाई करते हैं और उन पर हमला कर देते हैं। उसके तुरन्त बाद दो लोग आकर उन्हें सुरक्षित निकाल कर बाहर ले जाते हैं।
क्या कहना है तारादेवी का?
तारा देवी ने कहा, 'मैंने सचिन नायक पर हमला नहीं किया है, मैं बस चाहती थी कि टिकट देने के मुद्दे पर पुनर्विचार किया जाए। मैं सिर्फ यह जानना चाहती थी कि मुकुन्द भास्कर को टिकट क्यों दिया गया, इस पर मुझे पीटा गया।'देवरिया कांग्रेस की कार्यकर्ता तारा देवी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें ज़िला कांग्रेस अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह, उपाध्यक्ष अजय सिंह और दूसरे दो लोगों का नाम लिया गया है। उन्होंने उन लोगों पर गाली देने और उनसे छेड़छाड़ करने के आरोप भी लगाए हैं। इस कांड के बाद तारा देवी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा,
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'एक ओर हमारी पार्टी के नेता हाथरस की महिला को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, दूसरी ओर पार्टी का टिकट एक बलात्कारी को दिया गया है। यह ग़लत फ़ैसला है। इससे हमारी पार्टी की छवि ख़राब होगी।'
तारा देवी, कार्यकर्ता, देवरिया कांग्रेस
बीजेपी का हमला
केंद्रीय विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस की तीखी आलोचना करते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने कहा है, 'एक महिला कार्यकर्ता ने एक बलात्कार अभियुक्त को टिकट देने का विरोध किया तो उसे पीटा गया। राष्ट्रीय महिला आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दोषियों को कड़ी सज़ा मिले।'
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस पर ट्वीट कर प्रतिक्रिया जताई, 'इस तरह के बीमार लोग राजनीति में कैसे चले आते हैं? हम इसका संज्ञान लेंगे।'
हाथरस में कांग्रेस ने क्या किया!
याद दिला दें कि उत्तर प्रदेश के ही हाथरस में दलित युवती के साथ कथित बलात्कार और उसके बाद उसकी हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस पर कांग्रेस पार्टी ने काफी आक्रामक रवैया अपनाया है। पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पीड़िता के घर जाकर उसके परिजनों से मुलाकात की और हर तरह के मदद का भरोसा दिया।यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है और योगी आदित्यनाथ की राज्य सरकार ने यह मामला केंद्रीय जाँच ब्यूरो को सौंपने की सिफ़ारिश कर दी है। सीबीआई ने जाँच अपने हाथ में ले भी ली है।
ऐसे में ज़िला स्तर पर किसी बलात्कार अभियुक्त को टिकट देना और उसका विरोध करने पर किसी महिला की पिटाई करना कांग्रेस के सामने कई सवाल खड़े कर देता है।
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