loader

अयोध्या विवाद हमें सौंपें, 24 घंटे में सुलझा देंगे : योगी

योगी आदित्यनाथ ने दो टूक कहा है कि वह 24 घंटे में अयोध्या विवाद को सुलझा देंगे। एक सवाल के जवाब में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट अयोध्या विवाद पर जल्दी फ़ैसला देने की स्थिति में नहीं है तो मुद्दे को हमें सौंप दे, हम 24 घंटे में समाधान निकाल देंगे। बता दें कि अयोध्या विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। बीजेपी समर्थित लोग इस पर जल्द फ़ैसला चाहते हैं।

इंडिया टीवी से बातचीत में उन्होंने कहा कि अदालत के फ़ैसले में देरी से लोगों का सब्र टूटने लगा है। उन्होंने यहाँ तक कह दिया कि सुप्रीम कोर्ट से लोगों का भरोसा डिगने लगा है। 

योगी ने कहा, ‘हम सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हैं कि वह लाखों लोगों की मनोकामना के अनुरूप जल्द न्याय दे, ताकि यह लोगों के विश्वास का प्रतीक बन सके।’
राम मंदिर विवाद पर अध्यादेश लाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अदालत में विचाराधीन मामलों पर संसद चर्चा नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के 1994 के हलफनामे को आधार बनाकर अगर कोर्ट फ़ैसला कर देती तो देश भर में एक अच्छा संदेश जाता। योगी ने तर्क दिया कि 30 सितंबर 2010 को दिए फ़ैसले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने माना था कि बाबरी मसजिद का निर्माण राम मंदिर को तोड़कर किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि अदालत के आदेश पर पुरातत्व विभाग ने विवादित स्थल की खुदाई की थी और अपनी रिपोर्ट में उसने कहा था कि मसजिद बनाने के लिए मंदिर को तोड़ा गया था।
  • प्रियंका गाँधी के राजनीति में प्रवेश पर भी योगी ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक बार फिर से कांग्रेस ने साबित कर दिया कि उसके लिए परिवार ही पार्टी है। 

सपा-बसपा गठबंधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही जाति आधारित लड़ाई निचले स्तर पर पहुंच गई है, यह 70:30 की लड़ाई होगी। 

योगी ने राम मंदिर विवाद के लिए कांग्रेस को ज़िम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती कि इस मसले का समाधान निकले। एक सवाल के जवाब में योगी ने तीन तलाक पर कहा कि तीन तलाक पर बैन प्रभावी तरीक़े से लागू हो जाए और राम मंदिर विवाद का समाधान निकल जाए तो भारत से तुष्टिकरण की राजनीति हमेशा के लिए ख़त्म हो जाएगी।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें