loader

केंद्र ने बंगाल के मुख्य सचिव को दिल्ली वापस बुलाया, तेज़ होगा घमासान!  

केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच चल रहा घमासान उस वक़्त और बढ़ गया जब शुक्रवार देर रात को बंगाल के मुख्य सचिव को दिल्ली वापस बुलाए जाने का आदेश केंद्र की ओर से जारी किया गया। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान शुरू हुई केंद्र और बंगाल सरकार की सियासी अदावत अब और तेज़ होती जा रही है। 

मुख्य सचिव का नाम अलापन बंदोपाध्याय है और चार दिन पहले ही बंगाल सरकार ने उनके कार्यकाल को तीन महीने के लिए बढ़ाया था। केंद्र की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि बंगाल सरकार 31 मई की सुबह तक बंदोपाध्याय को दिल्ली के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग में तक भेज दे। यह मंत्रालय पीएमओ के तहत आता है। 

ताज़ा ख़बरें

बंगाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भी केंद्र सरकार ने राज्य के तीन बड़े आईपीएस अफ़सरों को दिल्ली बुला लिया था। 

इससे पहले जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को यास तूफ़ान को लेकर समीक्षा बैठक लेने कोलकाता पहुंचे थे तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें आधे घंटे तक इंतजार कराया था। इस बैठक में राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी मौजूद रहे थे। 

मोदी-शाह पर हमला 

टीएमसी ने केंद्र सरकार के इस आदेश को लेकर उसकी आलोचना की है। पार्टी सांसद सुखेंदु शेखर रे ने कहा कि क्या आज़ादी के बाद ऐसा पहले कभी हुआ है कि किसी राज्य के मुख्य सचिव को जबरन केंद्र सरकार बुला ले। सांसद ने पूछा है कि मोदी और गृह मंत्री शाह कितना और नीचे गिरेंगे और ऐसा सिर्फ़ इसलिए हो रहा है क्योंकि बंगाल के लोगों ने इन दोनों के बजाए एक बड़े जनादेश के साथ ममता बनर्जी को चुना है। 

पश्चिम बंगाल से और ख़बरें

उधर, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संघीय ढांचे के सभी सिद्धातों का पालन किया है और वह पार्टी लाइन से हटकर सभी मुख्यमंत्रियों के साथ मिलकर काम करते रहे हैं लेकिन ममता बनर्जी की निम्न स्तर की राजनीति ने एक बार फिर बंगाल के लोगों को मुसीबत में डाल दिया है।

गिरफ़्तारी के कारण बढ़ा बवाल 

पश्चिम बंगाल की सियासत में विधानसभा चुनाव के बाद केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच टकराव तब और बढ़ा जब कुछ दिन पहले नारद स्टिंग मामले में टीएमसी के तीन और कुल चार नेताओं को सीबीआई ने गिरफ़्तार कर लिया था। इन नेताओं में नगर विकास मंत्री फ़िरहाद हाकिम, पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्र और विधायक शोभन चट्टोपाध्याय का नाम शामिल है। अगले दिन इन नेताओं को जेल भेज दिया गया था। इसके बाद ममता बनर्जी भी सीबीआई दफ़्तर पहुंचीं थी और टीएमसी कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे थे। इन सभी नेताओं को 28 मई को जमानत मिली है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

पश्चिम बंगाल से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें