दूसरी ओर, टीएमसी ने कहा है कि शीतलकुची इलाक़े में 10 अप्रैल को हुई फ़ायरिंग में हुई चार लोगों की मौत के मामले में बीजेपी की बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष के बयान के लिए उन्हें गिरफ़्तार किया जाना चाहिए।
दिलीप घोष ने रविवार को उत्तर 24 परगना के बारानगर में आयोजित एक जनसभा में कहा था, “ऐसे शरारती लड़के जो समझते थे कि केंद्रीय बलों की राइफ़ल चुनावी ड्यूटी के दौरान सिर्फ़ दिखाने के लिए है, वे शीतलकुची में जो ग़लती की, उसे नहीं दोहराएंगे। ऐसा पूरे बंगाल में होगा। अगर किसी ने भी क़ानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश की तो यह उसके साथ भी होगा।”
एक दूसरी जनसभा में भी दिलीप घोष ने इसी तरह की बात कही। घोष ने कहा, “दीदी जनादेश से डरती हैं, वे दिन चले गए जब लोग डरा करते थे। वे सुबह से लाइनों में खड़े हैं और अपने वोट डाल रहे हैं। 17 अप्रैल को भी आप लोग जाएंगे और लाइन में खड़े होंगे तो कोई आपको घूर नहीं सकेगा। अगर कोई ऐसा करेगा तो आपने देखा कि शीतलकुची में क्या हुआ। कई जगहों पर शीतलकुची जैसी और घटनाएं होंगी।”
टीएमसी की ओर से चुनाव आयोग की दी गई शिकायत में कहा गया है कि दिलीप घोष ने इन हत्याओं को सही ठहराया है और बंगाल के लोगों को धमकी दी है कि ऐसी और हत्याएं होंगी। टीएमसी ने इसके साथ ही घोष के बयान का वीडियो भी अटैच किया है।
टीएमसी ने कहा है कि दिलीप घोष ने इस तरह के बयान देकर हिंसा को बढ़ावा दिया है और इससे यह भी संकेत मिलता है कि शीतलकुची की हिंसा बीजेपी के द्वारा प्रायोजित थी और इसे गृह मंत्री के आदेश पर किया गया।
टीएमसी ने कहा है कि घोष के इस बयान के लिए उन्हें गिरफ़्तार किया जाना चाहिए। टीएमसी नेता सुखेंदु शेखर राय ने कहा, “यह पूरी तरह भड़काने वाली बात है। ऐसे आपराधिक उकसावे के लिए संबंधित महकमे को उचित क़ानूनी क़दम उठाना चाहिए और दिलीप घोष को गिरफ़्तार करना चाहिए।”
‘जवानों ने बग़ैर उकसावे के चलाई गोलियां’
स्थानीय लोगों ने बांग्ला अख़बार 'आनंद बाज़ार पत्रिका' को बताया था कि शीतलकुची के जोड़ापाटकी इलाक़े में सुबह से ही तनाव था और टीएमसी व बीजेपी के कार्यकर्ताओं में झड़पें हुई थीं। लेकिन बूथ पर मतदान करने आए लोगों पर केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों ने बग़ैर किसी उकसावे को गोलियां चलाईं और उनकी छाती पर गोलियां मारीं।
सीआईएसएफ़ का स्पष्टीकरण
इस मामले में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ़) की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया है। सीआईएसएफ़ ने कहा है कि इस घटना में 5-6 शरारती तत्वों को गंभीर चोटें आईं और बाद में उनकी मौत हो गई।सीआईएसएफ़ ने कहा है कि 150 लोगों का एक झुंड आया और इन लोगों ने बूथ नंबर 186 पर पहुंचकर वहां तैनात पोलिंग स्टाफ़ के साथ अभद्रता शुरू कर दी। उन्होंने बूथ पर तैनात होम गार्ड और आशा कार्यकर्ता से मारपीट की। सीआईएसएफ़ के मुताबिक़, इसमें शामिल लोगों ने वहां चुनाव ड्यूटी में तैनात कई और लोगों से मारपीट की। कुछ लोगों ने सीआईएसएफ़ के कर्मियों से हथियार लूटने की कोशिश भी की।
सीआईएसएफ़ ने आगे कहा है, “इसके बाद केंद्रीय बल के जवानों ने हवा में दो गोलियां चलाईं लेकिन लोग मनमानी करते रहे। इसी बीच, क्यूआरटी की टीम जब वहां पहुंची तो भीड़ सीआईएसएफ़ के जवानों की ओर बढ़ने लगी। अपनी जान को ख़तरे में देख जवानों ने भीड़ पर सात और गोलियां चलाईं।”
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