पश्चिम बंगाल में बीजेपी और टीएमसी के बीच चल रहे चुनावी घमासान के बीच चुनाव आयोग ने बड़ा फ़ैसला लिया है। आयोग ने मंगलवार शाम को राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वीरेंद्र का तबादला कर दिया है। वीरेंद्र की जगह पी. नीरजनयन को बंगाल का डीजीपी नियुक्त किया गया है। आयोग ने कहा है कि इस निर्देश को तुरंत लागू किया जाए।
विधानसभा चुनाव के एन वक़्त पर किए गए इस ट्रांसफ़र को लेकर टीएमसी एतराज जता सकती है। इससे पहले ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में 8 चरण में चुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग से अपनी नाराज़गी दर्ज करा चुकी हैं।
टीएमसी की सरकार बनने का अनुमान
बंगाल विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी को पिछले चुनाव की तुलना में बहुत अधिक सीटें मिलने के आसार हैं। टाइम्स नाउ-सी वोटर के सर्वे के मुताबिक़ इस बार राज्य में उसे 107 सीटें मिल सकती हैं जबकि टीएमसी को 154 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। राज्य में सरकार बनाने के लिए 148 विधायकों की ज़रूरत है और ऐसे में टीएमसी की भी राह मुश्किल है।
फ़ोटो हटाने का दिया था निर्देश
टीएमसी ने कुछ दिन पहले चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि कोरोना की वैक्सीन के सर्टिफ़िकेट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ़ोटो होना मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश है और साथ ही यह आचार संहिता का भी उल्लंघन है। इस पर चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार से प्रधानमंत्री की तसवीर के इस्तेमाल को बंद करने के लिए कहा था।
खेला होबे की शिकायत
बीजेपी ने भी बीते हफ़्ते चुनाव आयोग में ममता बनर्जी के खेला होबे की टिप्पणी को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। बीजेपी के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय चुनाव आयोग के अफ़सरों से मिले थे और कहा था कि टीएमसी बूथ कैप्चपरिंग के जरिये चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। विजयवर्गीय ने कहा था कि खेला का मतलब मतलब पोलिंग बूथ पर कब्जा कराना और मतदाताओं को डराना है।
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