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टीएमसी नेता के घर से ईवीएम मिलने के मामले में एफ़आईआर दर्ज

पांच राज्यों में चल रही चुनाव प्रक्रिया के दौरान कई जगहों पर भयंकर गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। असम के करीमगंज में बीजेपी नेता की गाड़ी में ईवीएम मिलने के बाद पश्चिम बंगाल में एक पोलिंग अफ़सर को 4 ईवीएम और 4 वीवीपैट मशीनों के साथ अपने एक रिश्तेदार के वहां से पकड़ा गया है। उनका यह रिश्तेदार टीएमसी का नेता है। पोलिंग अफ़सर रात को रिश्तेदार के घर पर ही रुका रहा। मामला सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने इस पोलिंग अफ़सर को सस्पेंड कर दिया है। इस मामले में एफ़आईआर भी दर्ज कर ली गई है।  

पोलिंग अफ़सर का नाम तपन सरकार है और उन्हें हावड़ा के सेक्टर 17 में उलुबेड़िया उत्तर निर्वाचन क्षेत्र में तैनात किया गया था। 

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चुनाव आयोग ने कहा है कि इन ईवीएम और वीवीपैट को चुनाव प्रक्रिया के दौरान इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और इस मामले में जो भी लोग शामिल हैं, उनके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पोलिंग अफ़सर के साथ तैनात पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई करने की बात कही गई है। आयोग ने कहा है कि यह उसके निर्देशों का घोर उल्लंघन है। 

आयोग की ओर से कहा गया है कि पर्यवेक्षक नीरज पवन ने सभी ईवीएम में लगी सील की जांच की है। 

बीजेपी ने की जांच की मांग 

मामला सामने आने के तुरंत बाद बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर सामने आए और इसकी जांच कराने की मांग की। एएनआई के मुताबिक़, जावड़ेकर ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला इसलिए है क्योंकि आज ही मतदान भी हो रहा है और जितना बड़ा यह मामला लग रहा है, यह उससे ज़्यादा बड़ा हो सकता है। 

पश्चिम बंगाल में बीजेपी और टीएमसी के बीच कड़ा मुक़ाबला है और चुनाव प्रचार और मतदान के दौरान दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के कई जगहों पर भिड़ने की भी ख़बरें सामने आई हैं। बंगाल में कुल आठ चरणों में मतदान होना है और 2 मई को तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी और असम के साथ ही बंगाल के भी चुनाव नतीजे आएंगे। 

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90 वोटों वाले बूथ पर पड़े 171 वोट 

असम के दिमा हसाओ जिले में स्थित एक बूथ पर कुल 90 मतदाता थे लेकिन यहां वोट पड़ गए 171। इसका मतलब साफ है कि सिर्फ़ भयंकर लापरवाही नहीं जानबूझकर गड़बड़ी की गई है। यह बूथ हैफलॉंग निर्वाचन क्षेत्र में पड़ता है और इस पर दूसरे चरण में 1 अप्रैल को 74 फ़ीसदी मतदान हुआ था। यह बूथ हैफलॉंग के 107(A) खोटलिर एलपी स्कूल में बनाया गया था। हालांकि यह मामला सामने आते ही मशीनरी हरक़त में आई और उसने इस बूथ पर निर्वाचन के काम में लगे 5 अफ़सरों को सस्पेंड कर दिया और फिर से वोटिंग कराने का आदेश दिया। 

जिस गांव के ये मतदाता थे वहां के मुखिया ने निर्वाचन आयोग से आई वोटर लिस्ट को स्वीकार करने से मना कर दिया था और ख़ुद की वोटर लिस्ट से मतदान कराया था। लेकिन ये बात हैरान करने वाली है कि निर्वाचन के काम में लगे पोलिंग अफ़सरों ने मुखिया की इस लिस्ट को क्यों स्वीकार कर लिया और इस ओर किसी ने भी ध्यान क्यों नहीं दिया। 

गाड़ी में मिली थी ईवीएम 

कुछ दिन पहले असम के करीमगंज में बीजेपी उम्मीदवार कृष्णेंदु पॉल की निजी गाड़ी में ईवीएम मिली थी। इस मामले में खासा बवाल होने के बाद चुनाव आयोग ने सख़्त कार्रवाई करते हुए 4 पोलिंग अफ़सरों को सस्पेंड कर दिया था। पाथरकांडी से उम्मीदवार कृष्णेंदु पॉल की निजी गाड़ी में ईवीएम मिलने के वीडियो को पत्रकार अतानु भूयान ने ट्वीट किया था। चुनाव आयोग ने 149 नंबर के पोलिंग स्टेशन पर फिर से मतदान कराने का आदेश दिया था। 
ईवीएम मिलने पर वहां विपक्षी नेताओं का जमावड़ा लग गया था। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलानी पड़ीं और लाठीचार्ज भी करना पड़ा था। यह घटना असम विधानसभा चुनाव में दूसरे चरण के मतदान वाले दिन यानी 1 अप्रैल को हुई थी। 
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क़मर वहीद नक़वी

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