कूचबिहार के शीतलकुची में हुई फ़ायरिंग को लेकर पश्चिम बंगाल में माहौल गर्म है और बीजेपी और टीएमसी के बीच जुबानी जंग जारी है। टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे नरसंहार कहा है तो बीजेपी ने कहा है कि ममता ने लोगों को सुरक्षा बलों के ख़िलाफ़ भड़काया, इस वजह से यह घटना हुई।
इस फ़ायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई थी और एक बच्चा भी घायल हो गया था। इस बच्चे का नाम मिनाल हक़ है और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
मिनाल कक्षा 8 का छात्र है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया (टीओआई) ने मिनाल और उसके परिवार से बात की है। टीओआई के मुताबिक़, मिनाल ने कहा, “शनिवार सुबह 9.30 बजे वह अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था। यह जगह मतदान केंद्र से 800 मीटर दूर है। तभी केंद्रीय बलों की क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) वहां पहुंची।”
अस्पताल के बेड पर लेटे मिनाल हक़ ने टीओआई को बताया, “मुझे लगा कि चुनाव के दिन यहां सड़क पर खेलना सही नहीं होगा और हम वहां से चले गए। उन्होंने हमारा पीछा किया और मुझे रोक लिया और हिंदी में सवाल पूछने लगे। मैंने सोचा कि वे इस बात को नहीं समझ पाए कि मैं क्या कह रहा था, तभी उन्होंने डंडे से मेरी कमर और रीढ़ की हड्डी पर मारा। इससे मैं ज़मीन पर गिर गया और मुझे उल्टी होने लगी।”
मिनाल के पिता माजिद मियां ने कहा कि तभी कुछ लोग उनके बेटे की मदद के लिए दौड़े। उन्होंने केंद्रीय बलों के जवानों को बताया कि मिनाल स्थानीय लड़का है, इसके बाद जवान उसे अपने वाहन में लेकर अस्पताल गए।
माजिद ने कहा, “जब तक मेरे बेटे को अस्पताल ले जाया जाता, यह बात फैल चुकी थी कि केंद्रीय बलों के जवानों ने उन पर हमला किया है।”
मिनाल की मां ने कहा, “मैंने सुना कि लोगों ने केंद्रीय बलों पर हमला कर दिया क्योंकि उन्हें लगा कि मेरे बेटे की मौत हो गई है। कई लोगों की जान चली गयी। हम इस बात के लिए शर्मिंदा हैं।” अब उनका पूरा परिवार गांव वापस जाने से भी डर रहा है।
मिनाल का परिवार उसके इलाज के लिए भी चिंतित है। परिवार कहता है कि मिनाल के टेस्ट वगैरह अस्पताल के बाहर से कराए जाने के लिए कहा गया है और डॉक्टर ने मिनाल को जिले के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रेफर कर दिया है। मिनाल के परिजन कहते हैं कि उनके पास तो एंबुलेंस तक के पैसे नहीं हैं।
‘जवानों ने बग़ैर उकसावे के चलाई गोलियां’
स्थानीय लोगों ने बांग्ला अख़बार 'आनंद बाज़ार पत्रिका' को बताया था कि शीतलकुची के जोड़ापाटकी इलाक़े में सुबह से ही तनाव था और टीएमसी व बीजेपी के कार्यकर्ताओं में झड़पें हुई थीं। लेकिन बूथ पर मतदान करने आए लोगों पर केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों ने बग़ैर किसी उकसावे को गोलियां चलाईं और उनकी छाती पर गोलियां मारीं।सीआईएसएफ़ का स्पष्टीकरण
इस मामले में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ़) की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया है। सीआईएसएफ़ ने कहा है कि इस घटना में 5-6 शरारती तत्वों को गंभीर चोटें आईं और बाद में उनकी मौत हो गई।सीआईएसएफ़ ने कहा है कि 150 लोगों का एक झुंड आया और इन लोगों ने बूथ नंबर 186 पर पहुंचकर वहां तैनात पोलिंग स्टाफ़ के साथ अभद्रता शुरू कर दी। उन्होंने बूथ पर तैनात होम गार्ड और आशा कार्यकर्ता से मारपीट की। सीआईएसएफ़ के मुताबिक़, इसमें शामिल लोगों ने वहां चुनाव ड्यूटी में तैनात कई और लोगों से मारपीट की। कुछ लोगों ने सीआईएसएफ़ के कर्मियों से हथियार लूटने की कोशिश भी की।
सीआईएसएफ़ ने आगे कहा है, “इसके बाद केंद्रीय बल के जवानों ने हवा में दो गोलियां चलाईं लेकिन लोग मनमानी करते रहे। इसी बीच, क्यूआरटी की टीम जब वहां पहुंची तो भीड़ सीआईएसएफ़ के जवानों की ओर बढ़ने लगी। अपनी जान को ख़तरे में देख जवानों ने भीड़ पर सात और गोलियां चलाईं।”
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