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"पश्चिम बंगाल के गाँवों के लोगों, क्या पैसा आपके गाँव तक पहुँचा है? यह पैसा कहाँ गया? कहाँ गया? मोदी ने आपके लिए यह पैसा भेजा था, 3,59,000 करोड़ रुपए। यह भतीजे और सिंडिकेट को उपहार में दे दिया गया। यह तृणमूल सरकार के भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गया।"
अमित शाह, गृह मंत्री
अभिषेक बनर्जी ने 13 अगस्त, 2018 को अमित शाह को अवमानना का नोटिस भेजा। उन्होंने अपने ख़िलाफ़ मानिहान करने वाली टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे उनसे माफ़ी माँगे।
अभिषेक बनर्जी के वकील ने उनकी ओर से भेजे गए नोटिस में कहा, "आपने भाषण देने के क्रम में कई गंभीर आरोप लगाए। आपने राज्य के मुख्यमंत्री के भतीजे को परोक्ष रूप से भ्रष्ट होने की बात कही है।"
टीएमसी के दागी नेता बीजेपी में
दूसरी ओर बीजेपी ने टीएमसी सरकार के कथित भ्रष्टाचार के मुक़ाबले के लिए उन्हीं दाग़ी नेताओं की बैशाखी पर चलने का फ़ैसला किया है जो पहले से ही भ्रष्टाचार और हत्या तक के आरोपों से जूझ रहे हैं। यानी पार्टी यहाँ दाग़ियों से ही दाग़ धोने का फ़ॉर्मूला अपना रही है।
दो साल पहले टीएमसी से नाता तोड़ कर बीजेपी के पाले में जाने वाले मुकुल राय हों या फिर अमित शाह के दौरे के समय शनिवार को अपने दल-बल के साथ भगवा झंडा थामने वाले शुभेंदु अधिकारी, किसी का दामन उजला नहीं है। बीजेपी इन दोनों नेताओं को अपनी सबसे बड़ी पकड़ मानते हुए अपनी कामयाबी पर इतरा रही है।
सारदा चिटफंड घोटाले में भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझने वाले इन दोनों नेताओं में से मुकुल राय पर तृणमूल कांग्रेस विधायक सत्यजीत विश्वास की हत्या तक के आरोप हैं। हत्या की जाँच करने वाली सीआईडी की टीम ने इस महीने की शुरुआत में अदालत में जो पूरक आरोपपत्र दायर किया है उसमें राय का नाम शामिल है।
इससे पहले टीएमसी में रहने के दौरान सीबीआई सारदा मामले में उनसे कई दिनों तक पूछताछ कर चुकी है। इसी तरह सारदा चिटफंड के मालिक सुदीप्त सेन ने बीते दिनों जेल से सीबीआई को भेजे पत्र में जिन पाँच नेताओं का ज़िक्र किया है उनमें मुकुल राय और शुभेंदु अधिकारी के नाम भी शामिल हैं।
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