तालिबानी लड़ाके अफ़ग़ानिस्तान की पंजशिर घाटी के पास पहुँच गए हैं और इसने ने दावा किया है कि उसने पंजशिर के आसपास के तीन ज़िलों पर फिर से कब्जा कर लिया है।
अफ़ग़ानिस्तान से निकलने के लिए तय समय सीमा 31 अगस्त के बाद भी अमेरिकी सेना के रुकने के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के संकेत पर तालिबान ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उसने कहा है कि देरी होती है तो इसके नतीजे भुगतने होंगे।
पंजशिर घाटी की ओर बढ़ रहे तालिबान लड़ाकों को उसके पहले अंदराबी घाटी में अहमद मसूद और अमीरुल्ला सालेह के नेतृत्व वाले सेकंड रेजिस्टेन्स के लोगों ने रोक दिया है।
काबुल स्थित हामिद करज़ई हवाई अड्डे के बाहर हुई गोलीबारी में एक अफ़ग़ान गार्ड मारा गया है, तीन गार्ड्स बुरी तरह घायल हो गए हैं। जर्मन सेना ने इसक पुष्टि कर दी है।
तालिबान ने कहा है कि इसके सैकड़ों लड़ाके पंजशिर घाटी की ओर बढ़े हैं। सोशल मीडिया पर कई वीडियो साझा किए गए हैं जिसमें दावा किया गया है कि तालिबान के लड़ाके सैकड़ों वाहनों में पंजशिर की ओर बढ़ रहे हैं।
अमेरिका उसी मुल्ला अब्दुल ग़नी बरादर को अफ़ग़ानिस्तान का राष्ट्रपति बनाएगा जिसके नेतृत्व में तालिबान ने 20 साल तक अमेरिकी व नेटो सैनिकों के ख़िलाफ़ युद्ध लड़ा है।
तालिबान के सैन्य दस्ते के प्रमुख मुल्ला अब्दुल ग़नी बरादर अफ़ग़ानिस्तान पहुँच चुके हैं, उन्होंने अपने विरोधी गुलबुद्दीन हिक़मतयार समेत कई लोगों से बात की है और सरकार बनाने की दिशा में कदम उठाया है।
तालिबान ने अपने पहले शासन में अपने राजनीतिक विरोधियों, आम नागरिकों और धार्मिक अल्पसंख्यकों को ठिकाने लगा दिया था। बीते महीनों में भी तालिबान ने कई नागरिकों की हत्या की है।
तालिबान भले ही एक उदारवादी चेहरा पेश करने की कोशिश कर रहा है, उसके लड़ाकों ने अल्पसंख्यक शिया हज़ारा और अफ़ग़ान सेना के लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है।