कहा जाता है कि सदन को चलाना सरकार की प्राथमिक ज़िम्मेदारी होती है और सदन को सुचारू रूप से चलाने में विपक्ष को सहयोग देना चाहिए, तो क्या दोनों ही पक्ष अपनी ज़िम्मेदारी को पूरा नहीं कर रहे?
सलमान खुर्शीद के बाद मनीष तिवारी कांग्रेस के ऐसे दूसरे नेता हैं, जिनकी किताब को लेकर विवाद हो रहा है। निश्चित रूप से इसने कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया है।
हिंदुत्व: चुनावी राजनीति में जीत की गांरटीड दवा ? क्या कांग्रेस का डीएनए हिंदुत्व विरोधी है? या हिंदुत्व पर क्या संघ- बीजेपी का पेटेंट है? देखिए वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी के साथ- ‘द विजय त्रिवेदी शो’ सत्य हिंदी पर।
सलमान खुर्शीद की नई किताब ‘सनराइज ओवर अयोध्याः नेशनहुड इन आवर टाइम्स’ से शुरू हुए नये विवाद से क्या उत्तर प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर असर पड़ेगा?
5 राज्यों में चुनाव- राम के भरोसे ही जीतेगी बीजेपी? आगामी चुनावों में बीजेपी जीत के कितने दूर कितने पास? देखिए विजय त्रिवेदी शो में आगामी चुनावों को लेकर चर्चा। Satya Hindi
नागपुर के रेशमबाग मैदान में वार्षिक विजयदशमी रैली को सम्बोधित करते आरएसएस चीफ मोहन भगवत ने OTT प्लेटफार्म पर दिखाए जाने वाले कंटेंट को लेकर चिंता जताई। मोहन भागवत का मानना है OTT प्लेटफार्म पर उपलब्ध कंटेंट पर कुछ भी प्रदर्शित किया जा रहा है और उसे कोई भी देख सकता है। ऐसे में क्या उचित नियंत्रण का प्रबंध शासन को करना चाहिए? देखिये द विजय त्रिवेदी शो
बीजेपी में उत्तर प्रदेश के कई बड़े नेताओं की राय ऐसी क्यों है कि अब अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफ़े के मसले पर जितनी देर की जाएगी, उतना ही ज़्यादा नुक़सान हो सकता है। इसके अलावा मिश्रा के समर्थन में कोई बड़ा नेता क्यों नहीं आया?
पंजाब कांग्रेस में चल रहे घमासान के बाद कांग्रेस हाई कमान पर एक भी सवाल उठ रहे हैं। क्या कांग्रेस पार्टी में चुनाव से किसी को डरलगता है? क्या इंदिरा गाँधी की तरह ही राहु; गाँधी भी बनाएंगे नई कांग्रेस? देखिये विजय त्रिवेदी की ख़ास बातचीत कांग्रेस नेता कुमार केतकर के साथ द विजय त्रिवेदी शो में
दलित सीएम ने क्या बदल दी राजनीति की धारा? सीएम बनाने से क्या दलित आगे बढ़ेंगे? राजनीति में अब ‘हिंदू ‘ नहीं ‘दलित’ चलेगा! देखिए देश में बदलते राजीनितक समीकरणों पर चर्चा 'द विजय त्रिवेदी शो' में।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस्तीफ़े के बाद सिद्धू के पाकिस्तान के साथ रिश्ते की बात कही तो बीजेपी नेताओं ने कैप्टन को राष्ट्रवादी नेता बताने लगे? यह बयान क्या पंजाब में भविष्य की राजनीति का संकेत दे रहे हैं? आरएसएस की क्या प्रतिक्रिया है?
लोकसभा चुनाव तो बीजेपी प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर लड़ती ही है, विधानसभा चुनावों में भी उनका ही चेहरा आगे क्यों किया जाता है? क्या इसीलिए गुजरात और उत्तराखंड जैसे राज्यों में मुख्यमंत्री के रूप में नये चेहरे उतारे जाते हैं?
संघ प्रमुख मोहन भागवत हिन्दू राष्ट्र की कल्पना पर ज़ोर देते हैं, लेकिन साथ ही अब सामाजिक समरसता और दूसरे समुदाय के लोगों से संपर्क को बढ़ावा देना भी चाहते हैं। क्या भागवत संघ को बदलने की कोशिश में हैं?
हिन्दी सप्ताह या हिन्दी दिवस मनाने की ज़रूरत क्या है? सितम्बर आते-आते क्यों हिन्दी की याद सताने लगती है और सरकारी समारोहों का सिलसिला शुरू हो जाता है? क्या ऐसे तरक्की करेगी हिंदी?
क्या महापंचायत के ज़रिए किसान सरकार को अपनी ताक़त का एहसास करवा पाएंगे? क्या वे उसे ये संदेश दे सकेंगे कि अगर उनकी माँगें नहीं मानी तो वे आने वाले चुनाव को पलट देंगे? डॉ. मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-अशोक वानखेड़े, शरत् प्रधान, विजय त्रिवेदी और पुष्पेंद्र सिंह-
जातीय जनगणना: आरक्षण ख़त्म करने का अचूक इलाज? बीस फ़ीसदी पचास प्रतिशत हिस्सेदारी के बाद भी परेशान क्यूं हैं? जातिगत जनगणना से क्या जातिवाद बढ़ेगा? देखिए जातिगत जनगणना पर हर पहली को समझाती एक चर्चा। वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी और राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव की दिलचस्प चर्चा।