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आईएमएफ़ के आँकड़ों को ग़लत ढंग से पेश कर देश को गुमराह कर रही है बीजेपी?

क्या भारतीय जनता पार्टी ने जानबूझ कर देश की आर्थिक स्थिति की ग़लत तसवीर पेश की? क्या उसने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पुराने आँकड़ों को मौजूदा आर्थिक स्थिति कह कर पेश किया ताकि वह यह प्रचारित कर सके कि कोरोना के बावजूद देश ज़बरदस्त आर्थिक प्रगति कर रहा है?
ऑल्टन्यूज़ ने अपनी एक ख़बर में इसकी पड़ताल की है। इसके मुताबिक़, 22 अगस्त को @BJP4India के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया। इसमें भारत समेत 9 देशों के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के आँकड़े देते हुए यह दावा किया गया है कि भारत की जीडीपी इनमें सबसे ऊपर होगी।
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ट्वीट में कहा गया है, 'कोविड महामारी की वजह से दुनिया की अर्थव्यवस्था में खून खच्चर मचा रहा और विकास दर शून्य से नीचे चला गया, ऐसे में साल 2020 में सकारात्मक वृद्धि दर के साथ भारत जगमगाता हुआ स्थान बनाए रखेगा। यह सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का स्थान भी बऱकरार रखेगा।'
इसके साथ एक इनफ़ोग्राफिक्स भी लगाया गया है।  बाद में बीजेपी दिल्ली, बीजेपी ओडिशा और बीजेपी नागालैंड ने भी इस इनफ़ोग्राफिक्स को शेयर किया।
कई बीजेपी सांसदों ने इसे ट्वीट किया, जिनमें प्रमुख हैं मनोज राजोरिया, सुभाष भामरे, राजेश वर्मा, पुरूषोत्तम सबरिया, नित्यानंद राय और अर्जुन मुंडा।

पड़ताल

ऑल्टन्यूज़ ने इसकी पड़ताल की। इसके मुताबिक़, बीजेपी ने अप्रैल में इसी इनफ़ोग्राफिक्स का इस्तेमाल किया था जिसमें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के 2020 व 2021 में जीडीपी का अनुमान था।
अप्रैल में किए गए ट्वीट में कहा गया था, 'भारतीय अर्थव्यवस्था इतनी मजबूत है कि वह कोरोना के आघात को झेल सकती है। ऐसे समय में जब दुनिया की ज़्यादातर अर्थव्यवस्थाएं मंदी और आर्थिक बदहाली की ओर बढ़ रही हैं, आईएमएफ़ ने 2020 और 2021 में 7.4 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है।'
BJP distorts IMF figure to mislead country on economy - Satya Hindi
इन दोनों ही ट्वीट में एक ही इनफोग्राफिक्स का इस्तेमाल किया गया था।

आईएमएफ़ का आउटलुक

बता दें कि आईएमएफ़ साल में दो बार अपना आउलटलुक यानी भविष्य का अनुमान जारी करता है, अप्रैल और सितंबर में। बीजेपी ने अप्रैल के जिस इनफ़ोग्रफिक का इस्तेमाल किया, वह वाकई उस संस्था ने जारी किया था।
लेकिन बीजेपी के लोगों ने होशियारी से इसी इनफ़ोग्राफिक का इस्तेमाल सितंबर का आउटलुक बताते हुए भी कर लिया, क्योंकि वह सकारात्मक था।
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लेकिन जून महीने में आईएमएफ़ ने अपने आउटलुक की एक बार फिर समीक्षा की और नए आँकड़े जारी किए। इनमें 2020 के दौरान भारत की जीडीपी को शून्य से 4.5 प्रतिशत नीचे दिखाया गया था। आईएमएफ़ ने बयान में कहा था कि भारत की जीडीपी 4.5 प्रतिशत सिकुड़ेगी। यानी बीजेपी के ट्विटर हैंडल से झूठ बोला गया। 
इसी तरह बीजेपी का यह दावा भी ग़लत है कि भारत सबसे तेजी से विकास कर रही अर्थव्यवस्था बना रहेगा। आईएमएफ़ ने चीन और आशियान के 5 देशों की अर्थव्यवस्था को भारत से बेहतर होने की बात कही है। इसने यह भी कहा कि चीन एक मात्र देश होगा, जिसकी विकास दर सकारात्मक यानी शू्न्य से ऊपर होगी।
यानी, इस पड़ताल से यह साफ़ है कि बीजेपी ने आईएमएफ़ के इनफोग्राफिक्स का ग़लत इस्तेमाल कर भ्रामक दावा किया। यह भी साफ़ है कि बीजेपी ने विकास दर के मामले में भारत की ग़लत तसवीर पेश की।
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क़मर वहीद नक़वी

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