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जदयू से उठी आवाज़- दोस्त पीठ में छूरा घोंपता रहा, हम हँसते रहे

राजगीर में भारतीय जनता पार्टी का प्रशिक्षण शिविर चल रहा है। इस शिविर के पहले दिन की ख़बर यह है कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने एनडीए में कोई खटास नहीं होने की बात कही है।

नीतीश कुमार ने भी जदयू की प्रदेश स्तर की बैठक में यही कहा कि सरकार पाँच साल चलेगी लेकिन उन्हें विधानसभा चुनाव में हारे हुए अपने उम्मीदवारों से जो बात सुननी पड़ी, खुद नीतीश कुमार, अभी शायद अपनी जबान से कहना नहीं चाहते हैं। उन नेताओं ने आम धारणा के उलट कहा कि उनकी हार चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के कारण नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी के कारण हुई है।

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यह बात इसलिए महत्वपूर्ण है कि इन नेताओं ने किसी निजी बातचीत में नहीं बल्कि जदयू की राज्य परिषद की बैठक में नीतीश कुमार और पार्टी अध्यक्ष आरसीपी सिंह के सामने कही है। नीतीश कुमार के बारे में यह आम राय है कि वह ऐसी बातें पहले ख़ुद नहीं कहते, पार्टी के नेताओं से कहलवाते हैं। अगर किसी ने उनकी मर्जी के ख़िलाफ़ कोई बात कह दी तो उस पर कार्रवाई भी होती है।

वहाँ मौजूद कई नेताओं ने सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने का सुझाव भी दिया। पूर्व मंत्री व जदयू के पूर्व विधायक जयकुमार सिंह को इस बार लोजपा के बहुत ही मज़बूत उम्मीदवार और चुनाव से ठीक पहले बीजेपी से हटे नेता राजेन्द्र सिंह की वजह से तीसरे स्थान पर रहना पड़ा था।

उनका कहना था कि वह लोजपा की रणनीति और बीजेपी के भ्रम के कारण हारे। यहाँ जयकुमार को लोजपा के उम्मीदवार से 24 हज़ार कम वोट मिले और राजद के उम्मीदवार विजय कुमार मंडल ने जीत हासिल कर ली।

पूर्व विधायक बोगो सिंह ने भी अपनी हार के लिए बीजेपी को ज़िम्मेदार बताया। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बेटे तेज प्रताप से अपनी बेटी के तलाक़ विवाद के कारण चर्चित जदयू नेता चंद्रिका राय ने कहा कि दोस्त पीठ में छुरा घोंपता रहा और हम हंसते रहे।

जदयू के एक और पूर्व विधायक और नीतीश कुमार के क़रीबी माने जाने वाले अभय कुशवाहा ने भी कहा कि चुनाव में हम अपने लोगों द्वारा छले गये हैं। इसी तरह फुलवारीशरीफ सीट से हारे जदूय नेता अरुण मांझी ने भी हार के लिए बीजेपी का नाम लिया।

दिलचस्प बात यह है कि नीतीश कुमार ने बैठक में फिर दोहराया कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे और दबाव में यह ज़िम्मेदारी ली है। उन्होंने यह आरोप लगाया कि सीट बँटवारे में देरी के कारण उनकी पार्टी को खासी क़ीमत चुकानी पड़ी है। अब यह बात सबको पता है कि सीट बँटवारे में देरी के लिए उनका इशारा बीजेपी की ओर ही है।

jdu chandrika rai targets bjp as nitish government cabinet expansion sees uncertainty - Satya Hindi
फ़ाइल फ़ोटो

नीतीश कुमार ने एक और बात कही जो आगे चलकर उनकी ओर से कोई बड़ा निर्णय लेने का संकेत हो सकता है। एक अख़बार में छपी ख़बर के मुताबिक़ उन्होंने कहा कि बिहार में एनआरसी नहीं लागू होगा।

इस बैठक में जदयू के नये अध्यक्ष ने परोक्ष रूप से बीजेपी के उन नेताओं को भी जवाब दिया कि जदयू की सीट संख्या कम है। जदयू इस समय 43 सीटें लेकर तीसरे नंबर पर है लेकिन आरसीपी ने कहा कि जदयू पहले भी नंबर वन पार्टी थी, आज भी है और आगे भी नंबर वन रहेगी।

इस बैठक में बीजेपी से चुनाव के दौरान मिली चोट की आवाज़ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण के भाषण में भी सुनने को मिली। उन्होंने कहा कि हमलोग धोखा खा सकते हैं, धोखा दे नहीं सकते।

उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी में फिर से खड़ा होने की ताक़त है। 

बीजेपी और जदयू में किसने किसको हराया, इस बहस के लिए चर्चित जदयू विधायक नरेन्द्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल का पहले यह बयान आया था कि नीतीश कुमार छह महीने ही मुख्यमंत्री रह पाएँगे लेकिन जब बात बढ़ गयी तो उन्होंने सफ़ाई दी कि उनके कहने का मतलब था कि राजद के लोग ऐसा सोचते हैं।

उधर राजगीर में जुटे बीजेपी नेताओं के बीच जदयू से चल रही खटपट को कोई खास तवज्जो नहीं दी गयी। बस यह कहा गया कि गठबंधन पूरी तरह एकजुट है। उन्होंने बीजेपी से लिस्ट नहीं मिलने के कारण मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होने की नीतीश कुमार की बात का भी कोई जवाब नहीं दिया अलबत्ता बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने यह ज़रूर कहा कि बिहार कैबिनेट का विस्तार जल्द होगा।

वीडियो में देखिए, क्या बीजेपी के दबाव में नीतीश?

इस बीच राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने अपनी फ़ेसबुक पोस्ट पर इन बातों का ज़िक्र करते हुए लिखा है कि बिहार में मध्यावधि चुनाव का अनुमान लगाना ग़लत नहीं है। उनका कहना है कि जिस तरह नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल विस्तार न होने के लिए बीजेपी की लिस्ट न मिलने की बात कही है, वह एनडीए की हालत को समझने के लिए काफ़ी है।

बिहार की राजनीति में अगला सप्ताह कई निर्णयों का गवाह बनेगा। खरमास होने का बहाना ख़त्म हो जाएगा। मंत्रिमंडल विस्तार से काफ़ी संकेत मिल सकता है। तब यह भी पता चलेगा कि कांग्रेस विधायकों में टूट की ख़बर किस हद तक सही है। हालाँकि कांग्रेस के बिहार प्रभारी ने बयान जारी कर कहा है कि उनके सभी विधायक एकजुट हैं और कोई विधायक नहीं टूटेगा।

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समी अहमद

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