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एग्जिट पोल: दिल्ली में दलित-मुसलिम-ओबीसी मतदाताओं का भरोसा आम आदमी पार्टी पर

दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान सभी की नज़रें इस पर टिकी थीं कि राष्ट्रीय राजधानी के मुसलिम मतदाताओं का रुख क्या होगा। अब जब कई एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ चुके हैं और इन पोल के मुताबिक़ यह साफ़ हो गया है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार बनाने जा रही है। इंडिया टुडे-एक्सिस माइ इंडिया का एग्जिट पोल मुसलिम मतदाताओं के रुख के बारे में बताता है। यह एग्जिट पोल बताता है कि दिल्ली में मुसलिम मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी को झोली भरकर वोट दिये हैं। दिल्ली में 14% मुसलिम मतदाता हैं और लगभग 15 सीटों पर हार-जीत तय करने की क्षमता रखते हैं। 

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इस बार मुसलिम मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी का कितना साथ दिया है, उस पर बात करने से पहले यह जान लेना ज़रूरी होगा कि कांग्रेस जब 15 साल तक दिल्ली की सत्ता में रही तो इसके पीछे बड़ा कारण मुसलिम मतदाता थे। 

कांग्रेस से दूर होते गए मुसलिम मतदाता

आम आदमी पार्टी के दिल्ली की राजनीति में कूदने के बाद मुसलिम मतदाता कांग्रेस से दूर होते गए और 2013 के विधानसभा चुनाव में कम लेकिन 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने आम आदमी पार्टी को भरपूर वोट दिये। इस बार कांग्रेस ने नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में देश भर के साथ ही दिल्ली में भी जमकर प्रदर्शन किये थे और उसे उम्मीद थी कि मुसलिम मतदाता उसकी ओर लौटेंगे लेकिन एग्जिट पोल के नतीजे बताते हैं कि ऐसा नहीं हो रहा है। 

इंडिया टुडे-एक्सिस माइ इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक़, दिल्ली के 69 फ़ीसद मुसलिम मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी को वोट दिया है जबकि सिर्फ़ 15 फ़ीसदी मतदाताओं ने कांग्रेस पर भरोसा रखा है। पोल के मुताबिक़, 9 फ़ीसदी मुसलिम मतदाता ऐसे भी हैं जिन्होंने बीजेपी को वोट दिया है। जबकि अन्य उम्मीदवारों को भी 7 फ़ीसदी मुसलिम मतदाताओं के वोट मिले हैं। 
Muslim obc Dalit voters prefer AAP India Today Axis my india exit poll - Satya Hindi

इंडिया टुडे-एक्सिस माइ इंडिया के मुताबिक़, जब मुसलिम मतदाताओं से यह पूछा गया कि उन्होंने आम आदमी पार्टी के पक्ष में मतदान क्यों किया तो उन्होंने कहा कि उन्हें बीजेपी के ख़िलाफ़ जीतने लायक क्षमता आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार में ही दिखी। दूसरे शब्दों में कहें तो दिल्ली के मुसलिम मतदाताओं का यह मानना है कि बीजेपी को हराने के लिये कांग्रेस की तुलना में आम आदमी पार्टी ज्यादा सक्षम है। 

इसके अलावा समाज के दूसरे वर्गों की बात करें तो इंडिया टुडे-एक्सिस माइ इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक़, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के 54 फ़ीसदी मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी के पक्ष में वोट दिया है जबकि बीजेपी को इस वर्ग के 38 फ़ीसदी और कांग्रेस को 5 फ़ीसदी मतदाताओं का समर्थन मिला है।  

दिल्ली के वाल्मीकि समुदाय की बात करें तो इस समुदाय ने भी आम आदमी पार्टी को अपनी पसंद बनाया है। इस समुदाय के 67 फ़ीसदी मतदाताओं ने उसे वोट दिया है जबकि बीजेपी को इस वर्ग के 18 फ़ीसदी और कांग्रेस को सिर्फ़ 9 फ़ीसदी मतदाताओं ने वोट दिया है। अन्य उम्मीदवारों को वाल्मीकि समुदाय के 6 फ़ीसदी मत मिले हैं।
इसके बाद बात दिल्ली के दलित समुदाय की करें तो इस समुदाय की भी पहली पसंद आम आदमी पार्टी ही है। दलित समुदाय के 65 फ़ीसदी मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी, 24 फ़ीसदी ने बीजेपी और 5 फ़ीसदी ने कांग्रेस को वोट दिया है। जबकि अन्य उम्मीदवारों को इस समुदाय के 7 फ़ीसदी लोगों ने वोट दिया है। 
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इंडिया टुडे-एक्सिस माइ इंडिया का एग्जिट पोल कहता है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी को 59-68 सीटें जबकि बीजेपी को 2-11 सीटें और अन्य को शून्य सीटें मिल सकती हैं। यह एग्जिट पोल बताता है कि आम आदमी पार्टी को दलित-मुसलिम-ओबीसी वर्ग के मतदाताओं का जोरदार समर्थन मिला है। दिल्ली में पिछले चुनाव में भी आम आदमी पार्टी की आंधी चली थी और उसे 70 में से 67 सीटों पर जीत मिली थी जबकि बीजेपी सिर्फ़ 3 सीटों पर सिमट गयी थी और कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ हो गया था। इसके अलावा बाक़ी एग्जिट पोल में भी पूर्ण बहुमत से आम आदमी पार्टी की सरकार बनने का दावा किया गया है। देखना होगा कि एग्जिट पोल के नतीजे और चुनाव के असल नतीजों में कितना अंतर रहता है। 

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क़मर वहीद नक़वी

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