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किसान आन्दोलन: अंतरराष्ट्रीय समर्थन से बौखलाई बीजेपी?

क्या नरेंद्र मोदी सरकार और सत्तारूढ़ बीजेपी के लोग किसान आन्दोलन को मिल रहे अंतरराष्ट्रीय समर्थन से बौखला गए हैं? यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि सरकार की तरफ़ से #IndiaAgainstPropaganda और #IndiaTogether  जैसे हैशटैग के साथ ज़ोरदार जवाबी हमला बोला गया है।

इस पलटवार में केंद्रीय मंत्री ही नहीं, कई फ़िल्म कलाकार और चोटी के खिलाड़ी भी शामिल हैं, जिन्होंने रियाना और दूसरों को यह संदेश देने की कोशिश की है कि यह भारत का आंतरिक मामला है और इस पर पूरा देश एकजुट है।

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'विकास के लिए एकजुट'

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इससे जुड़ने वाले सबसे वरिष्ठ मंत्री हैं। उन्होंने बुधवार की शाम ट्वीट कर कहा, ''कोई भी दुष्‍प्रचार भारत की एकता को ख़त्‍म नहीं कर सकता। कोई भी दुष्‍प्रचार भारत को नई ऊँचाई हासिल करने से नहीं रोक सकता। भारत विकास के लिए एकजुट खड़ा हुआ है।''

क्या है मामला?

बता दें कि मंगलवार को अमेरिकी पॉप सिंगर रियाना ने ट्वीट कर पूछा था कि "हम इस पर चर्चा क्यों नहीं कर रहे हैं?", उन्होंने उसके साथ भारत में चल रहे किसान आन्दोलन पर सीएनएन में छपी खबर लगाई थी। इसके बाद कई लोगों ने उनका समर्थन किया था।

भारत के विदेश मंत्रालय ने इसके बाद एक आधिकारिक बयान जारी कर औपचारिक रूप से रियाना के ट्वीट को 'ग़ैर-जिम्मेदाराना' बताया था और कहा था कि तथ्यों की पड़ताल कर ही किसी निष्कर्ष पर पहुँचना चाहिए।

amit shah, sachin tendulkar, akshay kumar respond to rihana tweet on farmers protest - Satya Hindi
पॉप गायिका रियानाफ़ेसबुक

लेकिन मामला यहीं नहीं रुका। कई केंद्रीय मंत्रियों ने इस पर ट्वीट किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट किया, "ऐसे अहम मुद्दों पर कोई टिप्‍पणी करने से पहले हम आग्रह करना चाहेंगे कि तथ्‍यों के बारे में ठीक से पता लगाया जाए और मामले पर उचित समझ रखते हुए कुछ कहा जाए।"

फ़िल्म कलाकारों के ट्वीट

इसके अलावा अक्षय कुमार, अजय देवगन, सुनील शेट्टी जैसे कई बॉलीवुड कलाकारों ने ट्वीट किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू करने वाले फ़िल्म कलाकार अक्षय कुमार ने कहा, "किसान देश का बहुत ही अहम हिस्सा हैं। उनके मसलों का समाधान करने की हरेक कोशिश की जा रही है, और वह नज़र भी आ रही है। आइए, सौहार्द्रपूर्ण समाधान का समर्थन करें, न कि बाँटने वाली बातों पर ध्यान दें। #IndiaTogether"

अभिनेता अजय देवगन ने 'भारत के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार में' न पड़ने की सलाह दी।
अभिनेता सुनील शेट्टी ने पूरा सच जानने की नसीहत देते हुए कहा कि आधे सच से ज़्यादा ख़तरनाक कुछ नहीं होता।

संप्रभुता से समझौता?

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टार सचिन तेंदुलकर ने कहा कि भारत की संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। उन्होंने इसके साथ ही पूरे देश को एकजुट होने की अपील कर डाली।

आंतरिक मामले में हस्तक्षेप?

कुल मिला कर यह बताने की कोशिश की गई कि यह भारत का आंतरिक मामला है, बाहरी लोग इसमें कुछ न बोलें। इसे देश की संप्रभुता पर ख़तरा तक मान लिया गया। लेकिन रियाना ने तो सिर्फ यह सवाल पूछा था कि इस किसान आन्दोलन पर कोई चर्चा क्यों नहीं हो रही है। उन्होंने न तो किसान आन्दोलन का विरोध किया था न ही समर्थन, न ही सरकार से कोई सवाल पूछा था।
सवाल यह है कि जिस आन्दोलन से हज़ारों-लाखों लोग जुड़े हों, जिसके तहत दो महीने से लोग देश की राजधानी के नज़दीक धरने पर बैठे हों, उस पर कोई कुछ न बोले?

किसानों को क्या संकेत गया?

अमेरिका में 'ब्लैक लाइव्स मैटर' आन्दोलन के समय क्या भारत के लोगों ने कोई दिलचस्पी नहीं ली थी या ट्रंप के समर्थक जब अमेरिकी संसद में ज़बरन घुस गए थे और तोड़फोड़ की थी तो क्या किसी ने कुछ नहीं कहा था?

क्या इन कलाकारों और खिलाड़ियों को देश में दो महीने से चल रहे इतने बड़े आन्दोलन पर कुछ नहीं बोलना चाहिए? क्या उन्हें इस आन्दोलन की ख़बर लिखने वाले पत्रकारों के ख़िलाफ़ दायर किए गए मामलों पर चुप रहना चाहिए या जिस तरह उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर में सड़कों पर कील लगा दिए गए हैं, उस पर कुछ नहीं कहना चाहिए?

पर्यवेक्षकों का मानना है कि एकजुटता के नाम पर सरकार की कार्रवाइयों का समर्थन किया गया है, जिससे किसानों को ग़लत संकेत गया है। 

क्या मोदी सरकार वाकई घबरा गई है? क्या कहना है वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का?
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क़मर वहीद नक़वी

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