देश में लगता है कि उल्टी हवा बह रही है। एक ओर बिहार की नीतीश सरकार कहती है कि जो लोग राज्य सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करेंगे, उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी तो उत्तराखंड की पुलिस इस बात की जांच करने जा रही है कि सोशल मीडिया पर आप की कोई पोस्ट ‘एंटी नेशनल’ तो नहीं है। ‘एंटी नेशनल’ पोस्ट पाए जाने पर आपको मुश्किल आ सकती है।
उत्तराखंड की पुलिस ऐसे लोगों पर नज़र रखेगी जो सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर ‘एंटी नेशनल’ पोस्ट डालते हैं। किसी शख़्स की पोस्ट ‘एंटी नेशनल’ पाए जाने पर पुलिस उनके पासपोर्ट और शस्त्र का वैरिफ़िकेशन रोक सकती है।
डीजीपी मंगलवार को राज्य भर के पुलिस अफ़सरों की देहरादून में हुई कॉन्फ्रेन्स में बोल रहे थे। इस कॉन्फ्रेन्स में राज्य के भीतर पुलिस को और बेहतर कैसे बनाया जाए, इस पर भी चर्चा हुई।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक़, उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा, ‘अब तक कोई भी शख़्स जो सोशल मीडिया पर ‘एंटी नेशनल’ पोस्ट डालता था, पुलिस पहले उसकी काउंसलिंग करती थी और उससे कहती थी कि वह भविष्य में ऐसा न करे। कोई मामला गंभीर होता था, तो पुलिस मुक़दमा दर्ज कर लेती थी।’
डीजीपी के मुताबिक़, ‘लेकिन अब से पुलिस इस बात की जांच करेगी कि क्या वह शख़्स सोशल मीडिया पर ‘एंटी नेशनल’ पोस्ट डालने का आदी है। अगर ऐसा पाया जाता है तो पुलिस उसके वैरिफ़िकेशन को पूरा नहीं करेगी।’ उन्होंने कहा कि पुलिस ऐसा उस वक़्त करेगी जब वह शख़्स पासपोर्ट या किसी हथियार के लाइसेंस के लिए आवेदन करेगा।
एक अन्य पुलिस अफ़सर ने कहा कि यह फ़ैसला इसलिए लिया गया क्योंकि राज्य में सोशल मीडिया पर ‘एंटी नेशनल’ पोस्ट डालने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही थी। अफ़सर ने कहा कि सोशल मीडिया टीम इस तरह की ‘एंटी नेशनल’ पोस्ट पर कड़ी नज़र रख रही है क्योंकि ऐसी पोस्ट्स क़ानून और व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती हैं।
देश का संविधान सभी को क़ानून के दायरे में रहकर अपनी बात कहने की आज़ादी देता है। लेकिन किसी राज्य के पुलिस महकमे का इस तरह का आदेश यह बताता है कि वहां की सरकार को इस बात का डर है कि कोई उसकी आलोचना ना करे।
दिल्ली के बॉर्डर्स पर इंटरनेट बंद
कुछ ऐसा ही दिल्ली के बॉर्डर्स पर किसानों के आंदोलन को लेकर भी हो रहा है। सिंघु, टिकरी और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर बीते कई दिनों से इंटरनेट बंद है तो हरियाणा के कई जिलों में भी सरकार ने इंटरनेट को बंद किया हुआ है। इसके ख़िलाफ़ किसान ग़ुस्से में हैं और वे हाईवे को जाम भी कर चुके हैं।
बिहार सरकार का आदेश
बिहार सरकार के जिस आदेश का जिक्र ऊपर किया गया है, उस पर थोड़ा और बात कर लेते हैं।
आदेश के मुताबिक़, जो लोग राज्य सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करेंगे, उन्हें सरकारी नौकरी न मिलने के साथ ही सरकारी ठेका भी नहीं दिया जाएगा।
आदेश में पुलिस महकमे से कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी तरह का विरोध प्रदर्शन करता है तो उसके चरित्र सत्यापन यानी पुलिस की ओर से दिए जाने वाले कैरेक्टर सर्टिफिकेट में इस बात को विशेष रूप से लिखा जाए।
विपक्ष ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया है। राष्ट्रीय जनता दल के नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर नीतीश की तुलना हिटलर और मुसोलिनी जैसे तानाशाहों से की है।
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