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कोरोना से युद्ध स्तर पर लड़ने की तैयारी का सेना को निर्देश, वित्तीय अधिकार

ऐसे समय जब देश में रोज़ाना कोरोना संक्रमण के मामले चार लाख के ऊपर हो गए, सरकार ने सैन्य बलों को कोरोना से ख़िलाफ़ लड़ने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारी करने का निर्देश दिया है।

इसके साथ ही उन्हें आपातकालीन वित्तीय शक्तियाँ दी गई हैं ताकि वे अपने स्तर पर फ़ैसले ले सकें। इससे सैन्य बल क्वरेन्टाइन केंद्र बना सकेंगे और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं दे सकेंगे। 

सशस्त्र सैन्य बलों को आपातकालीन वित्तीय फ़ैसले लेने के अधिकार मिल जाने से उन्हें कोरोना अस्पताल स्थापित करने और उन्हें चलाने, क्वरेन्टाइन केंद्र चलाने और बिना किसी मंजूरी के कोरोना इलाज से जुड़े उपकरणों की खरीद की छूट मिल जाएगी।

क्या कहा राजनाथ सिंह ने?

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी खुद दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'सशस्त्र सेनाओं की ताक़त बढ़ाने और कोविड-19 के ख़िलाफ़ राष्ट्रव्यापी लड़ाई में उनके प्रयासों को मजबूती देने के लिए विशेष प्रावधानों का इस्तेमाल किया गया और सशस्त्र सेनाओं को आपात वित्तीय शक्तियों का अधिकार दिया गया।'

इसके तहत कोर कमांडर या एरिया कमांडर को प्रत्येक मामले में 50 लाख रुपये तक की शक्तियाँ और डिवीजन कमांडर-सब एरिया कमांडर को 20 लाख रुपये की आपात मंजूरी की वित्तीय शक्तियाँ दी गई हैं। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी।
इन वित्तीय अधिकारों के मिलने से सैन्य बल कोरोना से जुड़े केंद्रों का संचालन कर पाएंगे, जरूरी उपकरण खरीदने और अन्य संसाधन जुटाने का काम तेजी से कर सकेंगे। वे इसके अलावा किसी भी आपात जिम्मेदारी को निभाने के लिए पूरी तरह तैयार होंगे।

यह फ़ैसला ऐसे समय किया गया है, जब पूरे देश में कोरोना संक्रमण की रफ़्तार बहुत बढ़ चुकी है। इसे इससे समझा जा सकता है कि शुक्रवार को देश में कोरोना के 3.8 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए।

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आँकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे के देश में 3,86,452 नए कोविड-19 केस दर्ज मामले दर्ज किए गए। इस दौरान 3,498 लोगों की मौत हुई है। एक दिन में कोरोना वायरस के मामलों के ये अब तक सबसे बड़ा आँकड़े हैं।

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क़मर वहीद नक़वी

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