केंद्र सरकार ने 17 राज्यों से कहा है कि वे कोरोना से संक्रमित लोगों के लिए अलग अस्पताल तैयार रखें। हालांकि केंद्र सरकार ने यह साफ़ नहीं कहा है कि इन राज्यों में कोरोना महामारी विकराल रूप लेने वाली है, पर केंद्र के इस अलर्ट का यह अर्थ निकाला जा सकता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा है कि इन राज्यों में कोरोना के लिए अलग अस्पताल के इंतजाम पर काम शुरू हो चुका है।
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा है कि कोविड से प्रभावित लोगों की तादाद बढ़ रही है, पर जिस गति से वह बढ़ रही है, वह स्थिर हो चुकी है।
संक्रमण की स्थिति
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह माना है कि यदि अभी जनता और सरकार मिल कर संक्रमण रोकने की दिशा में गंभीरता से काम नहीं करेगी तो यह सामुदायिक संक्रमण की स्थिति में पहुँच जाएगा। यानी सरकार यह मानती है कि कोरोना सामुदायिक संक्रमण की स्थिति तक जा सकती है।इसके साथ ही सरकार का राज्यों को यह अलर्ट करना कि वे कोरोना के लिए अलग से अस्पताल का इंतजाम करें, बताता है कि कोरोना राज्यों में तेजी से फैल सकता है।
विश्व बैंक के आँकड़ों के मुताबिक़, भारत में अस्पताल बिस्तर की तादाद एक हज़ार लोगों में सिर्फ़ 0.7 है, जबकि यह फ्रांस में 6.5 है। यह संख्या दक्षिण कोरिया में 11.5, चीन में 4.2, इटली में 3.4 और अमेरिका में 2.8 है।
इसके ठीक पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने कहा कि भारत सहित दुनिया भर में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए किया जा रहा लॉकडाउन अपर्याप्त है। इसने कहा है कि इससे यह महामारी ख़त्म नहीं होगी। इसे ख़त्म करने के लिए आक्रामक उपाए उठाने होंगे।
अपनी राय बतायें