ड्रग्स मामले में मशहूर स्टैंड-अप कॉमेडियन भारती सिंह और उनके पति हर्ष लिम्बाचिया को सोमवार को जमानत मिल गई है। रविवार को दोनों को मुंबई की एक अदालत ने 4 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इसके तुरंत बाद दोनों ने अपनी जमानत के लिए अर्जी लगा दी थी।
एनसीबी यानी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने शनिवार सुबह भारती के घर और प्रोडक्शन हाउस से ड्रग्स बरामद करने के बाद उन्हें गिरफ़्तार कर लिया था। इसके बाद उनके पति की भी गिरफ़्तारी की गई थी।
रिपोर्ट के अनुसार भारती के घर और प्रोडक्शन हाउस से कुल मिलाकर 86.5 ग्राम ड्रग्स बरामद किए जाने की बात कही गई है।
एनसीबी की यह कार्रवाई उस मामले में आई है जिसमें यह एजेंसी सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में ड्रग्स ऐंगल की पड़ताल शुरू की थी। इसी मामले में रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शौविक चक्रवर्ती का नाम सामने आया था। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने 8 सितंबर को रिया और शौविक को गिरफ्तार किया था। इनके अलावा सुशांत के हाउस मैनेजर सैमुअल मिरांडा को भी गिरफ्तार किया गया था। अक्टूबर महीने में रिया को बॉम्बे हाई कोर्ट से ज़मानत मिल पाई थी।
हालाँकि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने अपनी जाँच जारी रखी। इस मामले में कई लोगों से पूछताछ की गई। ड्रग्स पैडलर से पूछताछ के बाद कई लोगों के नाम सामने आये।
ड्रग्स केस में 20 नवंबर को अर्जुन रामपाल एनसीबी के ऑफिस पहुँचे थे, जहाँ उनसे कई घंटों तक पूछताछ हुई थी। अर्जुन से पहले उनकी लिव इन पार्टनर गैब्रिएला डेमेट्रिएड्स से दो दिन पूछताछ की गई थी। रामपाल के दोस्त पॉल बार्टेल की भी गिरफ्तारी हुई थी।
एनसीबी पर आरोप
एनसीबी पर करण जौहर की कंपनी धर्मा एंटरटेनमेंट के पूर्व एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर क्षितिज प्रसाद के उत्पीड़न का आरोप लग चुका है। क्षितिज के वकील सतीश मानशिंदे ने आरोप लगाया था कि उनके मुवक्किल पर ड्रग्स मामले में फ़िल्म निर्माता करण जौहर का नाम लेने को लेकर दबाव डाला गया।
प्रसाद की ओर से अदालत को बताया गया था कि एनसीबी के अधिकारियों ने उन पर फ़िल्मी दुनिया के सितारे रणबीर कपूर, अर्जुन रामपाल और डिनो मोरिया को झूठा फंसाने के लिए दबाव डाला। हालाँकि एनसीबी ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा था कि वह बेहद ही प्रोफ़ेशनल तरीक़े से जाँच कर रही है।
क्षितिज ने अदालत को बताया था कि कई बार इससे इनकार करने के बाद भी कि वह इन फ़िल्म कलाकारों को नहीं जानते और उसे ड्रग्स से जुड़े आरोपों को लेकर भी कोई जानकारी नहीं है, उसे प्रताड़ित किया जा रहा है। क्षितिज ने कहा था कि एनसीबी की ओर से उनसे फिर से झूठे बयानों पर दस्तख़त करने को कहा गया।
इन आरोपों पर एनसीबी का कहना था कि क्षितिज जाँच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और बेहद अकड़ू स्वभाव के और अहंकारी हैं। जाँच एजेंसी का कहना था कि उन्होंने अपने ही दिए बयानों पर दस्तख़त करने से इनकार कर दिया और वह दस्तख़त करने के बदले उन पर लगे एनडीपीएस एक्ट के सेक्शन 27 ए को हटाने के लिए सौदेबाज़ी कर रहे थे। एनसीबी ने दावा किया था कि प्रसाद ड्रग्स खरीदने और इसे बांटने की साज़िश में शामिल थे।
अपनी राय बतायें