loader

कांग्रेस ने फ़ेसबुक प्रमुख को फिर लिखी चिट्ठी, लगाया 'वॉट्सऐप-बीजेपी नेक्सस' का आरोप

हेट स्पीच वाले पोस्ट नहीं हटाने के मुद्दे पर फ़ेसबुक से जुड़ा विवाद थमने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है। कांग्रेस पार्टी ने एक दूसरी चिट्ठी फ़ेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क ज़करबर्ग को लिखी है। इस चिट्ठी में 'वॉट्सऐप-बीजेपी नेक्सस' की बात कही गई है और आरोप लगाया गया है और इस मैसेजिंग ऐप पर बीजेपी का नियंत्रण होने दिया गया और उसके बदले में बीजेपी सरकार ने वॉट्सऐप को डिजिटल पेमेंट के कामकाज का लाइसेंस दिया।

कांग्रेस का आरोप : इस हाथ दे, उस हाथ ले

कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने मार्क ज़करबर्ग को लिखी चिट्ठी में कहा है, 'हम यह पत्र लिखने को मजबूर हैं क्योंकि एक और विश्वसनीय व प्रतिष्ठित अमेरिकी प्रकाशन ने खुलासा किया है।' वेणुगोपाल ने फ़ेसबुक पर क्विड-प्रो-को का आरोप लगाया है यानी उसने बीजेपी से कोई फ़ायदा लेने के बदले उसे कोई दूसरा फ़ायदा दिया है।

देश से और खबरें
बता दें कि मशहूर अमेरिकी पत्रिका 'टाइम मैगज़ीन ने एक ख़बर में कहा है कि असम के बीजेपी विधायक शिलादित्य देव ने फ़ेसबुक पर एक पोस्ट डाला था जिसमें उन्होंने दावा किया था कि 'एक मुसलमान आदमी ने एक बंगाली लड़की को नशा खिला दिया और उसके बाद उसके साथ बलात्कार किया।' इसके बाद शिलादित्य देव ने लिखा, 'ये बांग्लादेशी मुसलमान हमारे लोगों के साथ ऐसा ही व्यवहार करते हैं।'
'टाइम' का कहना है कि यह घटना 2019 की है, उसके बाद एक साल तक फ़ेसबुक ने इस पोस्ट को नहीं हटाया। फ़ेसबुक इंडिया ने ग़ैरसरकारी संगठन 'आवाज़' की ओर से यह मुद्दा उठाने पर टाइम से कहा,

'जब आवाज़ ने इस ओर ध्यान दिलाया तो हमने इसे देखा था, हमारे रिकॉर्ड में यह दर्ज है कि इसे हेट स्पीच माना गया था, पर हम इसे हटा नहीं पाए।'


'फ़ेसबुक' की ओर से 'टाइम मैगजिन' को दिए जवाब का एक अंश

पत्र में कहा गया है कि फ़ेसबुक इंडिया प्रबंधन के एक से अधिक लोग पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाए हुए हैं और अपने पेशेवर कामकाज में बीजेपी का पक्ष लेते हैं।

राहुल का ट्वीट

इसके साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि '40 करोड़ भारतीय वॉट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं। वॉट्सऐप पेमेंट के धंधे में भी आना चाहता है जिसके लिए मोदी सरकार की अनुमति ज़रूरी है। इस तरह वॉट्सऐप पर बीजेपी की पकड़ है।
बता दें कि इसके पहले 'वॉल स्ट्रीट जर्नल' ने एक ख़बर में कहा था कि तेलंगाना के बीजेपी विधायक टी राजा सिंह के हेट स्पीच को पकड़ा गया था। पर फ़ेसबुक इंडिया की पब्लिक पॉलिसी डाइरेक्टर आंखी दास ने उसे हटाने से यह कह कर रोक दिया कि ऐसा करने से कंपनी के भारत में व्यवसाय पर बुरा असर पड़ेगा।
समझा जाता है कि फ़ेसबुक सत्तारूढ़ दल के लोगों के हेट स्पीच को जानबूझ कर नज़रअंदाज करती है ताकि सरकार के साथ उसका समीकरण न बिगड़े।
उस घटना के बाद भी कांग्रेस पार्टी ने ज़करबर्ग को चिट्ठी लिखी थी। इस मुद्दे पर फ़ेसबुक सीईओ को कांग्रेस की यह दूसरी चिट्ठी है।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि जिस समय फ़ेसबुक इंडिया ने तेलंगाना के बीजेपी विधायक के हेट स्पीच को नहीं हटाया, उस समय फ़ेसबुक इंक भारत में बड़े पैमाने पर निवेश की संभावना तलाश रहा था। बाद में उसने रिलायंस जियो के साथ करार किया और उसमें 5 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया। फ़ेसबुक की रणनीति भारत के डिजिटल बाज़ार और डिजिटल पेमेंट प्रणाली पर मजबूत पकड़ बनाना है। वह ऐसे में भारत सरकार के साथ बेहतर संबंध रखना चाहती है।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें