loader

जानिए, वैक्सीन पर क्यों उलझी थीं भारत बायोटेक- सीरम इंस्टीट्यूट?

भारत में दो कंपनियों की वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली और फिर दोनों कंपनियाँ आपस में उलझ गईं। दोनों तरफ़ से आरोप-प्रत्यारोप लगे। इसका नुक़सान क्या हो सकता था, यह भी उन कंपनियों के अब ताज़ा बयान से लगाया जा सकता है। उन्होंने अब संयुक्त रूप से बयान जारी कर कहा है कि उनके सामने ज़्यादा ज़रूरी यह है कि देश और दुनिया की आबादी की ज़िंदगी और जीवन-यापन बचाएँ। सवाल है कि आख़िर जिस वैक्सीन से ज़िंदगियाँ बचाने की उम्मीद जुड़ी हैं वहाँ दोनों कंपनियाँ आपस में भिड़ी क्यों थीं और दोनों की तरफ़ से क्या-क्या आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए-

ख़ास ख़बरें
  • दरअसल, दोनों कंपनियों के बीच यह विवाद तब हुआ जब भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के आँकड़े के बिना मंजूरी दी गई। कई जगहों पर तीसरे चरण के ट्रायल में पहला डोज ही दिया गया है और दूसरा डोज दिया जा रहा है।
  • विवाद के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने रविवार को एक इंटरव्यू में कहा था कि कोरोना के ख़िलाफ़ केवल तीन टीके प्रभावी हैं- फाइजर, मॉडर्ना और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका और बाक़ी सिर्फ़ 'पानी की तरह सुरक्षित' हैं।
  • पूनावाला ने कहा था- यह जानने के लिए कि टीके कितनी अच्छी तरह काम करते हैं- 70 फ़ीसदी, 90 फ़ीसदी, 80 फ़ीसदी, फाइजर, मॉडर्ना और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के इन तीन टीके ही प्रभावी साबित हुए हैं।'
  • भारत बायोटेक के प्रमुख कृष्णा इल्ला ने कहा- 'हम 200 फ़ीसदी ईमानदार क्लीनिकल ट्रायल करते हैं, फिर भी आलोचना होती है। कुछ कंपनियों ने हमारे टीके को 'पानी' की तरह बताया है। मैं इसे खारिज करता हूँ। हमारे ट्रायल पर कोई सवाल न उठाए।'
  • कृष्णा इल्ला ने कहा कि अमेरिका और यूरोप ने यूके के एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के परीक्षण डेटा को मंजूर करने से इनकार कर दिया था क्योंकि वह स्पष्ट नहीं था लेकिन कोई भी ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के डेटा पर सवाल नहीं उठा रहा था।
  • कृष्णा इल्ला ने कहा कि हमारा सुरक्षित और प्रभावी टीका उत्पादन का रिकॉर्ड रहा है। वैक्सीन के सभी डाटा पारदर्शी हैं। वैक्सीन के पर्याप्त डाटा का पहले ही खुलासा कर दिया गया है। डाटा लोगों के लिए ऑनलाइन मौजूद है।
coronavirus vaccine bharat biotech and serum institute controversy - Satya Hindi
  • इल्ला ने कहा कि कोवैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल संबंधी डाटा मार्च तक उपलब्ध होगा। तीसरे फेज के ट्रायल के लिए अंतरिम विश्लेषण अभी नहीं किया गया है।
  • इल्ला ने कहा कि यह कहना ग़लत है कि भारत बायोटेक का डाटा पारदर्शी नहीं है। अब तक 70 से ज्यादा आर्टिकल इंटरनेशनल जर्नल्स में पब्लिश हो चुके हैं।
  • अब भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ने साझा बयान जारी किया है। इसमें इन्होंने कहा है, 'अब जब दो कोरोना वैक्सीन को भारत में आपातकालीन उपयोग की मंजूरी जारी किए गए हैं तो निर्माण, आपूर्ति और वितरण पर ध्यान केंद्रित करना है।'
  • साझा बयान में कहा गया है, 'हमारी दोनों कंपनियाँ इस गतिविधि में पूरी तरह से लगी हुई हैं और टीके को सहज रूप में पहुंचाने को सुनिश्चित करना देश और दुनिया के प्रति अपना कर्तव्य मानती हैं।'
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें