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किसान आंदोलन: जियो टावर्स के मामले में पंजाब-केंद्र को नोटिस

कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा पंजाब में जियो के टावर्स की बिजली सप्लाई काटे जाने के मामले में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने सख़्त रूख़ दिखाया है। अदालत ने मंगलवार को पंजाब और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। 

अदालत ने कहा है कि टावर्स के बुनियादी ढांचे को नुक़सान पहुंचाने वाले और पंजाब में जियो के स्टोर्स को जबरन बंद कराने वाले शरारती तत्वों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए। पंजाब में अब तक जियो के 1600 से ज़्यादा टावर्स की बिजली सप्लाई काटी जा चुकी है और कई टावर्स को नुक़सान भी पहुंचाया गया है। इससे जुड़े फ़ोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ासे वायरल हो रहे हैं। 

कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों ने अंबानी-अडानी के प्रोडक्ट्स का बहिष्कार करने की अपील जारी की है। इससे रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मालिक मुकेश अंबानी परेशान हैं क्योंकि सोशल मीडिया और किसानों के आंदोलन में रिलायंस के ख़िलाफ़ चल रहे अभियान से उन्हें आर्थिक नुक़सान हो रहा है। रिलायंस ने सोमवार को ही कृषि क़ानूनों को लेकर सफाई जारी की थी और अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था। 

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रिलायंस की सफाई

रिलायंस ने कहा है कि उसका कांट्रेक्ट या कॉरपोरेट फ़ॉर्मिंग के फ़ील्ड में आने का कोई इरादा नहीं है और उसने इसके लिए देश भर में कहीं भी कोई कृषि ज़मीन नहीं ख़रीदी है। कंपनी ने कहा है कि उसने बीते वक़्त में भी किसी तरह की कॉरपोरेट या कांट्रेक्ट फ़ॉर्मिंग नहीं की है। बता दें कि किसानों को इस बात का डर है कि नए कृषि क़ानून लागू होने के बाद उनके खेतों पर कॉरपोरेट्स का कब्जा हो जाएगा। 

याचिका में रिलायंस ने कहा था कि कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए किसानों के आंदोलन का फ़ायदा उठाकर उसके ख़िलाफ़ दुष्प्रचार कर रहे हैं और उसके ख़िलाफ़ जो भी आरोप लगाए गए हैं, वे बेबुनियाद हैं। 

कंपनी ने मांग की थी कि अदालत इस मामले में दख़ल दे और शरारती तत्वों द्वारा उसकी संपत्ति को पहुंचाए जा रहे नुक़सान पर पूरी तरह रोक लगाई जाए। रिलायंस ने आरोप लगाया था कि उसके व्यावसायिक प्रतिद्वंद्वी लोगों को ऐसा करने के लिए भड़का रहे हैं।

कर्मचारियों की सुरक्षा की मांग

कंपनी ने सफाई देते हुए कहा है कि वह सीधे किसानों से अनाज नहीं ख़रीदती है और सप्लायर्स से भी एमएसपी की व्यवस्था का पालन करने या इसे मानने के लिए कहती है। रिलायंस ने अदालत से गुहार लगाई है कि वह कोई उचित आदेश पास करे जिससे उसके कर्मचारियों को सुरक्षा मिले और संपत्ति को नुक़सान होने से बचाया जा सके। 

Farmers cut power to jio towers High Court issued Notices  - Satya Hindi

रिलायंस ने कहा है कि वह 130 करोड़ की आबादी वाले देश के अन्नदाता किसानों के प्रति पूरा सम्मान रखती है। 

किसानों के आंदोलन की सबसे ज़्यादा मार रिलायंस पर ही पड़ रही है। किसानों ने जियो के नंबर को दूसरे सर्विस प्रोवाइडर में पोर्ट कराने के अलावा रिलायंस के पेट्रोल पंप और रिटेल आउटलेट्स के बाहर धरना देने का अभियान छेड़ा हुआ है।

जियो के टावर्स की बिजली काटी

जियो के टावर्स की बिजली काटे जाने से रिलायंस को ख़ासा नुक़सान हो रहा है। राज्य में जियो के 9 हज़ार से ज़्यादा टावर हैं। पंजाब में कुछ ऐसे वीडियो वायरल हुए हैं जिसमें जियो के कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है। इस वजह से राज्य में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं प्रभावित हो रही हैं और लोगों को खासी परेशानी हो रही है। 

किसान आंदोलन पर देखिए वीडियो- 

बीते कुछ दिनों में किसानों ने नवांशहर, फ़िरोज़पुर, मानसा, बरनाला, फ़ाज़िल्का, पटियाला और मोगा जिलों में लगे जियो के टावर्स को होने वाली बिजली की सप्लाई काट दी है। 

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अमरिंदर की अपील भी बेअसर 

किसानों के लगातार जियो के टावर्स को होने वाली बिजली की सप्लाई काटने के कारण गंभीर हो रहे माहौल को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों से अनुशासन दिखाने की अपील की थी। अमरिंदर सिंह ने कहा था, ‘इससे न केवल पढ़ाई पर गंभीर असर हो रहा है बल्कि ऐसे छात्रों का भी भविष्य ख़राब हो रहा है जो ऑनलाइन पढ़ाई पर निर्भर हैं। जो लोग घर से काम कर रहे हैं, उनके निजी जीवन में भी मुश्किलें आ रही हैं।’ लेकिन किसानों पर अमरिंदर की अपील का कोई असर नहीं हुआ था। 

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क़मर वहीद नक़वी

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