loader
घटना स्थल पर पहुँची पुलिस।फ़ोटो साभार: ट्विटर/वीडियो ग्रैब

सिंघु बॉर्डर: किसान प्रदर्शन स्थल पर हाथ कटा, बैरिकेड्स से लटकता शव मिला

दिल्ली के बाहर सिंघु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन स्थल के मुख्य मंच के पास ही शुक्रवार सुबह एक शव मिला। उसकी बायीं कलाई कटी हुई थी। शव पुलिस बैरिकेड्स से बंधा हुआ था। शव को देखने से लगता है कि उस शख्स की बेरहमी से हत्या की गई है। पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है।

घटना को लेकर कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, लेकिन पुलिस ने कहा है कि वह उन वीडियो की जाँच करेगी। पुलिस ने अफवाहों को लेकर भी आगाह किया है। साफ़ है कि जब तक पुलिस की जाँच सामने नहीं आ जाती है तब तक उस घटना को लेकर अफवाहें फैलने और इसके आधार पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जाने की आशंका पुलिस को भी है। 

ताज़ा ख़बरें

पुलिस उपाधीक्षक हंसराज ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा है, 'आज सुबह क़रीब पाँच बजे किसानों के विरोध प्रदर्शन वाली जगह (कुंडली, सोनीपत में) पर एक शव लटकाया हुआ मिला जिसके हाथ, पैर काटे गए थे। इसका पता नहीं है कि कौन दोषी है। वायरल वीडियो जाँच का विषय है... अफवाहें आती रहेंगी।'

उस घटना से जुड़े हुए कई वीडियो सोशल मीडिया पर आए हैं। इन वीडियो को लेकर लोग सवाल उठा रहे हैं। एक वीडियो में कुछ लोग दिखते हैं और वे शख्स से उसका नाम और पैतृक गांव पूछते नज़र आते हैं। एक वीडियो में पुलिस के बैरिकेड्स से शव लटका हुआ दिखता है। इन वीडियो की पुष्टि नहीं की जा सकी है कि ये कितने सही हैं या ग़लत। पुलिस ने भी अभी कहा है कि वह इन वीडियो की जाँच करेगी।

सोनीपत पुलिस ने शव को सिविल अस्पताल पहुँचाया है। पुलिस के अनुसार युवक की पहचान तरनतारन ज़िले के निवासी लखबीर सिंह के रूप में की गई है। वह हरनाम सिंह का दत्तक पुत्र है। 35-36 वर्षीय लखबीर पेशे से मज़दूर था। उसके परिवार में एक बहन, एक पत्नी और तीन बेटियाँ हैं।

बता दें कि सिंघु बॉर्डर पर जहाँ यह शव मिला है वह जगह किसानों के प्रदर्शन स्थल के पास है। इस शव मिलने के बाद सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने किसान आंदोलन को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। इसी के मद्देनज़र किसान आंदोलन की अगुवाई करने वाले किसान संघों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा इस पर बयान जारी करेगा। 'एनडीटीवी' की रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त किसान मोर्चा इस घटना पर चर्चा करने और एक बयान जारी करने के लिए दोपहर में बैठक करेगा।

केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए किसान क़रीब एक साल से सिंघु बॉर्डर पर इकट्ठे हैं। उनका प्रदर्शन आम तौर पर शांतिपूर्ण रहा है। वे प्रशासन की सख़्ती के बावजूद अपने आंदोलन के प्रति डटे रहे हैं।

शुरुआत में जब किसान पंजाब-हरियाणा से दिल्ली की ओर आ रहे थे तो उन पर पानी की बौछारें की गई थीं, रास्ते खोद डाले गए थे। कई बार लाठाचार्ज का सामना करना पड़ा था। जब वे दिल्ली बॉर्डर पर भी पहुँचे तो उन्हें कई बार वहाँ से हटाने के लिए प्रशासन ने बेहद सख़्ती की। इसने सड़कों पर लोहे की कीलें तक ठोकवा दीं, पक्की दीवारें खड़ी करवा दी थीं। 

हालाँकि जब तब तनाव भी बढ़ा है। किसानों के प्रदर्शन के दौरान 26 जनवरी को दिल्ली में हिंसा हो गई थी। उसमें एक किसान की मौत हो गई थी। प्रशासन और किसान एक दूसरे पर हिंसा भड़काने का आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे हैं।

देश से और ख़बरें

अगस्त में तब तनाव बढ़ गया था जब करनाल के एक शीर्ष अधिकारी पुलिस को "उनके (किसानों के) सिर फोड़ने" का आदेश देते हुए कैमरे में कैद हो गए थे। उसी बीच लाठीचार्ज के दौरान 10 किसान घायल हो गए थे। इसके बाद उस अधिकारी आयुष सिन्हा को उनके पद से हटा दिया गया, उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया और मामले की जांच के आदेश दिए गए।

फ़िलहाल, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में भी किसानों के प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई है। लेकिन इस मामले में भी रिपोर्टें आ रही हैं कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे और इसी बीच किसानों पर गाड़ियाँ चढ़ा दी गईं। इसमें 4 किसानों की मौत हो गई और कई किसान घायल हो गए। इसके बाद ही हिंसा भड़की और फिर उस घटना में कुल मिलाकर 8 लोगों की मौत हुई। इसमें से एक पत्रकार भी शामिल थे। पत्रकार के परिवार के लोगों का कहना है कि उनको भी गाड़ी से ही रौंदा गया था। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें