संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि हमारे आदर्श ऐसे मुसलमान होने चाहिए जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि इसलाम कभी आक्रमण के जरिये आया लेकिन हमारा नाता उससे नहीं है।
भागवत ने बारामुला में कबाइलियों के आक्रमण के आगे न झुकते हुए देश के लिए बलिदान देने वाले मकबूल शेरवानी, सेना में रहकर देश के लिए शहीद होने वाले ब्रिगेडियर उस्मान से लेकर अब्दुल हमीद, हसन खां मेवाती, हाकिम खां सूरी, खुदाबख्श, अशफाक उल्ला खां जैसे क्रांतिकारी मुसलिमों का जिक्र किया।
भागवत शुक्रवार को महाराष्ट्र के नागपुर में विजयादशमी के उत्सव के मौक़े पर आयोजित कार्यक्रम में मौजूद स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे।
संघ प्रमुख ने कहा कि ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म पर दिखाए जाने वाले कंटेंट पर नियंत्रण किया जाना बेहद ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि ऐसा न करने से देश को ख़तरा हो सकता है। भागवत ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद देश में हर बच्चे के हाथ में मोबाइल फ़ोन आ गया है और जो कुछ वह उस पर देख रहे हैं, उस पर किसी का नियंत्रण नहीं है।
भागवत ने कहा कि समाज में व्यसन बढ़ रहा है और नशे के व्यापार से मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में होता है।
भागवत ने कहा कि देश के सीमावर्ती प्रदेशों तथा असम, पश्चिम बंगाल व बिहार के सीमावर्ती जिलों में मुसलिम जनसंख्या की वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है, जो स्पष्ट रूप से बांग्लादेश से हो रही अनवरत घुसपैठ का संकेत देती है।
संघ प्रमुख ने कहा कि हिंदू समाज को संगठित होने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने हिंदुओं की लक्षित हिंसा का मार्ग फिर से अपनाया है।
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