loader

सुशांत की बहनों के ख़िलाफ़ रिया की FIR क़ानूनन ग़लत: CBI

फ़िल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में रिया चक्रवर्ती की ओर से सुशांत की दोनों बहनों के ख़िलाफ़ दर्ज कराई गई एफ़आईआर को लेकर सीबीआई ने बड़ा बयान दिया है। सीबीआई ने कहा है कि यह एफ़आईआर क़ानून के हिसाब से ग़लत है। एफ़आईआर में रिया ने कहा था कि दोनों बहनों ने सुशांत के लिए फर्जी दवाओं के पर्चे से ग़लत दवाएं ख़रीदीं। 

हाल ही में सुशांत की बहनों- प्रियंका और मीतू सिंह ने बॉम्बे हाई कोर्ट से अपील की है कि उन्हें सीबीआई द्वारा गिरफ़्तार किए जाने का डर है और अदालत उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई करे। प्रियंका और मीतू सिंह ने अपनी याचिका में रिया की एफ़आईआर को रद्द करने की मांग की है। जबकि रिया ने अदालत से अपील की है कि वह सुशांत की बहनों की ओर से दायर इस याचिका को खारिज कर दे।

सुशांत की मौत के मामले में उनके परिवार की ओर से रिया चक्रवर्ती पर अभिनेता की हत्या किए जाने का आरोप लगाया गया। लेकिन एम्स के डॉक्टर्स के पैनल और सीबीआई ने इसे पूरी तरह नकार दिया और कहा कि यह हत्या का नहीं, आत्महत्या का मामला है। इसके बाद रिया पर सुशांत के अकाउंट्स में धोखाधड़ी करने के आरोप लगाए गए लेकिन वे भी ईडी की जांच में बेबुनियाद साबित हुए। 

रिया का बड़ा आरोप

सुशांत के परिजनों और कुछ टीवी चैनलों के हमलों से बहादुरी से लड़ने के बाद रिया ने पलटवार किया है। रिया ने बॉम्बे हाई कोर्ट से कहा है कि सुशांत की मौत उनकी बहन प्रियंका सिंह के द्वारा दी गई दवाओं के पांच दिन बाद हुई थी। ये दवाएं डॉक्टर तरूण कुमार की सलाह पर दी गई थीं। 

ताज़ा ख़बरें

रिया ने सुशांत की बहनों प्रियंका व मीतू सिंह और डॉक्टर तरूण कुमार पर आरोप लगाया है कि सुशांत को झूठे पर्चों के आधार पर दवाएं दी गई थीं। इनमें से वे दवाएं भी शामिल थीं जिनका जिक्र नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटांस (एनडीपीएस) एक्ट में है। 

रिया ने अपने जवाब में सुशांत के साथ उनके और उनके परिवार वालों के रिश्तों को लेकर पूरी जानकारी दी है। रिया ने कहा है कि सुशांत की बीमारी की पहचान हो गई थी और वह उन्हें बाइपोलर डिसऑर्डर के इलाज के लिए दवाएं दे रही थी। इससे पहले रिया ने कहा था कि उन्हें इस बात का पता बाद में चला कि प्रियंका सुशांत को कुछ दवाएं दे रही थीं और इन दवाओं के बारे में उनके डॉक्टर ने उन्हें पहले नहीं बताया था। 

रिया ने कहा है कि उन्होंने सुशांत से इन दवाओं को नहीं लेने के लिए कहा था क्योंकि उनकी बहन के पास कोई भी मेडिकल योग्यता नहीं थी। इसके कुछ दिन बाद ही सुशांत की मौत हो गई थी। बता दें कि सुशांत की मौत से पांच दिन पहले ही रिया उनका घर छोड़कर चली गई थीं। रिया ने इसे लेकर सवाल उठाया है कि डॉक्टर तरूण के द्वारा दी गई दवाओं की वजह से ही तो कहीं सुशांत की मौत नहीं हुई। 

रिया ने कहा है कि प्रियंका, मीतू और डॉक्टर कुमार की इसे लेकर जांच होनी चाहिए कि उन्होंने सुशांत को ग़ैर-क़ानूनी दवाएं कैसे दे दीं। रिया ने लिखा है कि प्रियंका, मीतू और डॉक्टर कुमार के ख़िलाफ़ इस मामले में एक मजबूत केस बनता है।

उन्होंने कहा है कि जिस तरह इन दवाओं को देने की बात तय की गई, वह इंडियन मेडिकल काउंसिल के नियमों का उल्लंघन है। रिया ने लिखा है कि वह सुशांत की मौत के बाद से ही नफ़रत और गुस्से का सामना कर रही हैं। 

देश से और ख़बरें

न्यूज़ चैनलों ने बनाया निशाना 

कुछ न्यूज़ चैनलों ने यह ख़बर जोर-शोर से चलाई थी कि रिया चक्रवर्ती ने एनसीबी के सामने इस बात को कबूल लिया है कि वह ड्रग्स लेती थीं। लेकिन एनसीबी की रिमांड कॉपी सामने आने के बाद पता चला था कि इसमें रिया के ड्रग्स लेने की बात का कोई जिक्र ही नहीं था। तब यह सवाल खड़ा हुआ था कि क्या रिया को जान-बूझकर निशाना बनाया गया। 

इसके बाद एनसीबी की ओर से कहा गया कि रिया ड्रग पैडलर हैं लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट के जज ने जांच एजेंसी के इस दावे को ठुकरा दिया। इस महीने की शुरुआत में हाई कोर्ट ने रिया को जमानत दे दी थी। उन्हें लगभग एक महीने तक जेल में रहना पड़ा था। रिया को एनसीबी ने गिरफ़्तार किया था। 

पीड़ा से गुजरा परिवार 

रिया के जेल से बाहर आने के बाद उनकी मां संध्या चक्रवर्ती ने मीडिया से बातचीत में कहा था- 'भगवान मौजूद हैं।' उन्होंने कहा था कि उन्हें ख़तरा महसूस होने लगा था और सुरक्षा के लिए दरवाजे पर सीसीटीवी कैमरे लगाने पड़े। वह कहती हैं कि वह ऐसी स्थिति से गुजरीं कि उन्हें जान देने तक के ख्याल तक आने लगे थे। वह अभी भी डरी हुई हैं कि पता नहीं आने वाले वक्त में क्या होगा। 

‘सुशांत ने लोगों का इस्तेमाल किया’

रिया ने जेल में रहने के दौरान अपनी जमानत के लिए लगाई गई अर्जी में कहा था कि सुशांत ने ड्रग्स के लिए अपने करीबी लोगों का इस्तेमाल किया। रिया ने यह भी कहा था कि उन्हें निशाना बनाए जाने की कोशिश हो रही है, एनसीबी और तीन केंद्रीय एजेंसियां उनके ख़िलाफ़ जांच कर रही हैं लेकिन उन्हें कोई भी सबूत नहीं मिला है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें