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प्रतीकात्मक तसवीर।

कोरोना के कारण आईसीएसई की 10वीं की परीक्षा रद्द

देश में कोरोना संक्रमण से लगातार ख़राब होती स्थिति के बीच आईसीएसई की दसवीं की परीक्षा रद्द कर दी गई है। इससे पहले हाल ही में इसने 10वीं और 12वीं की परीक्षा को आगे के लिए टालने का फ़ैसला लिया था।

काउंसिल फोर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन बोर्ड ने यह फ़ैसला लिया है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच अभिभावकों और छात्रों के आग्रह के बाद बोर्ड ने इस पर विचार किया। बोर्ड ने अपने एक बयान में कहा है कि हमारे छात्रों और शिक्षण संकाय की सुरक्षा और भलाई हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता और सर्वोपरि है। हालाँकि आईसीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा की तारीख बाद में घोषित की जाएगी। 

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आईसीएसई बोर्ड से पहले सीबीएसई बोर्ड ने भी ऐसा ही फ़ैसला लिया है। संक्रमण के मामलों के बढ़ने के कारण ही सीबीएसई बोर्ड की 10वीं की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है और 12वीं की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में इस मुद्दे को लेकर पिछले हफ़्ते एक वर्चुअल बैठक हुई थी जिसमें कई राज्यों के शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव और अहम अफ़सरों ने भाग लिया था। 

सीबीएसई बोर्ड को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा था कि 10वीं कक्षा का रिजल्ट ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया के आधार पर तैयार किया जाएगा और इस क्राइटेरिया को सीबीएसई का बोर्ड तैयार करेगा। अगर कोई छात्र इस क्राइटेरिया के आधार पर दिए गए नंबरों से संतुष्ट नहीं होता है तो उसे परीक्षाओं के लायक हालात बनने पर परीक्षा में बैठने का मौक़ा दिया जाएगा। 

निशंक ने कहा था कि 1 जून, 2021 को हालात की समीक्षा की जाएगी और इसके बाद अगर 12वीं की परीक्षा कराने वाले हालात बनते हैं तो परीक्षा शुरू करने से 15 दिन पहले छात्रों को नोटिस भेजा जाएगा।

आईसीएसई बोर्ड का यह फ़ैसला ऐसे वक़्त पर आया है जब कोरोना संक्रमण के मामले सोमवार को एक दिन में 2.59 लाख आए और 1761 लोगों की मौत हुई।

एक दिन पहले ही रविवार को 24 घंटे में 2 लाख 73 हज़ार 810 पॉजिटिव केस आए थे और इस दौरान 1619 कोरोना मरीज़ों की मौत हुई थी। नये संक्रमण के मामले भले ही कम दिख रहे हों, लेकिन ज़रूरी नहीं है कि मामले कम होने शुरू हो गए हों। ऐसा इसलिए कि सामान्य तौर पर हर सोमवार को संक्रमण के मामले हफ़्ते के अन्य दिनों के मुक़ाबले कम रिकॉर्ड होते रहे हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल मामले अब 1 करोड़ 53 लाख से ज़्यादा हो गए हैं। देश में इस समय 20 लाख 31 हज़ार 977 सक्रिय मामले हैं, जबकि 1 लाख 31 हज़ार से ज़्यादा इस बीमारी से उबर चुके हैं। मरने वालों की संख्या 1,80,530 पहुँच गई है। अब तक 12,71,29,113 लोगों को टीका लगाया गया है।

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क़मर वहीद नक़वी

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