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फ़ोटो साभार: स्काईमेट वेदर

मौसम विभाग की भविष्यवाणी, भीषण गर्मी के लिए रहें तैयार!

इस बार भीषण गर्मी के लिए तैयार रहें! इसका अहसास तो पिछले तीन-चार दिन से हो भी रहा है। लेकिन यदि आपको लगता है कि यह सामान्य है तो मौसम विभाग की भविष्यवाणी सुनने पर आपको भी यह असामान्य लगने लगेगा। भविष्यवाणी भी सामान्य से ज़्यादा गर्म रहने की की गई है। मौसम विज्ञान विभाग यानी आईएमडी ने सोमवार को मार्च से मई तक के लिए भविष्यवाणी की है कि उत्तर, उत्तर-पूर्व, पूर्व और पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में दिन का तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है। हालाँकि दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में कुछ राहत मिलने की संभावना है।

रिपोर्ट में भविष्यवाणी की गई है कि इन राज्यों में तापमान सामान्य से 0.5 डिग्री सेल्सियस से लेकर 0.86 डिग्री सेल्सियस तक ज़्यादा रह सकता है। 

वैसे, मौसम के जिस तरह के असामान्य रहने की भविष्यवाणी की गई है वह ज़्यादा चौंकाने वाली भी नहीं है। ऐसा इसलिए कि हाल में मौसम काफ़ी असमान्य व्यवहार करता दिख रहा है। 

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आईएमडी ने पिछले महीने ही कहा था कि देश में जनवरी में न्यूनतम तापमान 62 साल में सबसे गर्म रहा है। दक्षिण भारत विशेष रूप से गर्म था। दक्षिण भारत में 22.33 डिग्री सेल्सियस रहा था और वह महीना 121 वर्षों में सबसे गर्म था। इसके बाद 1919 में 22.14 डिग्री सेल्सियस और 2020 में 21.93 डिग्री सेल्सियस रहा था और यह दूसरा व तीसरा सबसे गर्म महीना था।

मध्य भारत में भी यह 14.82 डिग्री सेल्सियस रहा था जो पिछले 38 वर्षों में सबसे गर्म था। इससे पहले 1982 में 14.92 डिग्री सेल्सियस था, जबकि 1958 में 15.06 डिग्री सेल्सियस रहा था।

मौसम में जो इस तरह का असामान्य बदलाव आ रहा है वह दरअसल जलवायु परिवर्तन को दर्शाता है। इसका मतलब यह भी है कि धरती का तापमान धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है।

धरती का तापमान बढ़ने के कारण मौसम की जो अपनी खासियत होती है इसका ढंग अब बदल रहा है। गर्मियाँ लंबी होती जा रही हैं, और सर्दियाँ छोटी।

कहा जा रहा है कि ऐसा 'ग्रीन हाउस इफेक्ट' की वजह से हो रहा है। आसान भाषा में कहें तो पृथ्वी का वातावरण जिस तरह से सूर्य की कुछ ऊर्जा को सोखता है और इससे धरती गरम रहती है उसे ही ग्रीन हाउस इफेक्ट कहते हैं। पृथ्वी के चारों ओर ग्रीन हाउस गैसों की एक परत होती है। इन गैसों में कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड शामिल हैं। यदि ये गैसें ज़्यादा मात्रा में हो जाएँ तो जाहिर तौर पर वह परत मोटी होती जाएगी और फिर धरती ज़्यादा गरम रहने लगेगी। इसी कारण जलवायु परिवर्तन हो रहा है और मौसम का असामान्य व्यवहार के रूप में लक्षण दिख रहा है। 

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मौसम विभाग ने जो ताज़ा भविष्यवाणी जारी की है वह भी मौसम के उसी असामान्य व्यवहार को दिखाती है। आईएमडी ने कहा है, 'आने वाले गर्मी के मौसम (मार्च से मई) के दौरान उत्तर, उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व भारत के अधिकांश क्षेत्रों, मध्य भारत के पूर्वी और पश्चिमी भागों और कुछ तटीय क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है। 

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छत्तीसगढ़, ओडिशा, गुजरात, तटीय महाराष्ट्र, गोवा और तटीय आंध्र प्रदेश में अधिकतम तापमान से ऊपर रहने की संभावना है।

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने सिंधु-गंगा के मैदानों पर कहा - मार्च से मई के दौरान पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पूर्वी यूपी, पश्चिम यूपी, छत्तीसगढ़, झारखंड से लेकर ओडिशा तक तापमान सामान्य से 0.5 डिग्री सेल्सियस अधिक रहने की संभावना है।

छत्तीसगढ़ और ओडिशा राज्यों में तापमान सामान्य से क्रमश: 0.86 डिग्री सेल्सियस और 0.66 डिग्री सेल्सियस अधिक रहने की संभावना है।

पूर्वानुमान में कहा गया है कि हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में तापमान सामान्य से 0.5 डिग्री सेल्सियस ज़्यादा रहने की संभावना 60 प्रतिशत से अधिक है। 

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क़मर वहीद नक़वी

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