संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने पाकिस्तान को आईना दिखा दिया। इसने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र की सूची में ही जो आतंकवादी घोषित हैं उनको पनाह देने का पाकिस्तान का रिकॉर्ड है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को पालता-पोषता है लेकिन ख़ुद को उसके ख़िलाफ लड़ाई लड़ता बताता है। भारत ने फिर से जोर देकर यह भी कहा है कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने जम्मू-कश्मीर का ज़िक्र कर इसकी शुरुआत की थी। लेकिन भारत की तरफ़ से संयुक्त राष्ट्र में प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने पाकिस्तान का असली चेहरा दुनिया के सामने रख दिया। उन्होंने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों की सबसे बड़ी संख्या को पनाह देने का पाकिस्तान का अपमानजनक रिकॉर्ड है। ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में पनाह मिली। आज भी, पाकिस्तान का नेतृत्व उसे शहीद के रूप में महिमामंडित करता है।'
स्नेहा का यह बयान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के संदर्भ में है। ऐसा इसलिए क्योंकि इमरान ख़ान ने पिछले साल जून में पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में ही ओसामा बिन लादेन को शहीद क़रार दिया था। वैसे, इमरान ख़ान पर तालिबान का समर्थन करने का आरोप भी लगता रहा है। हाल ही में जिस तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान में चुनी हुई सरकार ध्वस्त कर दी, जिसके कारण महिलाएँ खौफ़ में हैं, आम लोगों में दहशत है, उसी तालिबान को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने 'गुलामी की जंजीरें तोड़ने वाला' क़रार दिया था।
वैसे, उनके विरोधी उनको तालिबान ख़ान भी बुलाते रहे हैं क्योंकि तालिबान के प्रति उनका रवैया नरम रहा है। इमरान ख़ान ने इस पर पहली बार तब विवादास्पद बयान दिया था जब तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के शीर्ष कमांडर वली-उर-रहमान को 2013 में अमेरिकी सेना द्वारा मारे जाने के बाद 'शांति-समर्थक' क़रार दिया था। बाद में उन्होंने सुझाव दिया था कि तालिबान को पाकिस्तान में कहीं 'एक कार्यालय खोलने' की अनुमति दी जानी चाहिए। 2018 में बीबीसी के एक इंटरव्यू में इमरान ख़ान ने तालिबान के 'न्याय के सिद्धांत' की तारीफ़ की थी।
बहरहाल, प्रथम सचिव स्नेहा दुबे का यह बयान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण की प्रतिक्रिया में आया। इमरान ने अपने संबोधन में कश्मीर मुद्दे, भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 के निरस्त किए जाने और पाकिस्तान समर्थित अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के निधन का ज़िक्र किया था।
इमरान ख़ान के भाषण पर जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल कर स्नेहा दुबे ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग थे, हैं और रहेंगे।
उन्होंने कहा, 'इसमें वे क्षेत्र भी शामिल हैं जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं। हम पाकिस्तान से उसके अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने का आह्वान करते हैं।'
Watch: India exercises its right of reply at the #UNGA @AmbTSTirumurti @MEAIndia @harshvshringla pic.twitter.com/YGcs28fYYa
— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) September 25, 2021
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों का पोषण करता है। उन्होंने कहा कि सदस्य देशों को पता है कि पाकिस्तान का आतंकवादियों को पनाह देने, सहायता करने और सक्रिय रूप से समर्थन करने का एक स्थापित इतिहास और नीति है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान वह देश भी है जो बांग्लादेश के लोगों के ख़िलाफ़ एक धार्मिक और सांस्कृतिक नरसंहार को अंजाम देने के हमारे क्षेत्र में घृणित रिकॉर्ड रखता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक- सिख, हिंदू, ईसाई - लगातार भय में रहते हैं।
स्नेहा दुबे ने कहा कि पाकिस्तान के विपरीत भारत अल्पसंख्यकों की पर्याप्त आबादी वाला बहुलवादी लोकतंत्र है। उन्होंने कहा, 'बहुलवाद एक अवधारणा है जिसे पाकिस्तान के लिए समझना बहुत मुश्किल है क्योंकि वह संवैधानिक रूप से अपने अल्पसंख्यकों को राज्य के उच्च पदों पर पहुँचने से रोकता है।' उन्होंने पाकिस्तान पर तंज कसते हुए कहा, 'विश्व मंच पर उपहास के लिए खुद को बेनकाब करने से पहले वे कम से कम आत्मनिरीक्षण कर सकते थे।'
उन्होंने कहा कि नई दिल्ली पाकिस्तान सहित हमारे सभी पड़ोसियों के साथ सामान्य संबंध चाहता है।
कौन हैं स्नेहा दुबे?
स्नेहा दुबे 2012 बैच की आईएफ़एस अधिकारी हैं। उन्होंने पहले प्रयास में ही यूपीएससी में सफलता प्राप्त की थी। आईएफएस बनने के बाद उनकी नियुक्ति विदेश मंत्रालय में हुई। इसके बाद साल 2014 में भारतीय दूतावास मैड्रिड में उनकी नियुक्ति हुई। वह वहाँ थर्ड सेक्रेटरी के रूप में काम कर रही थीं। कुछ साल बाद उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की प्रथम सचिव के रूप में नियुक्त किया गया। इससे पहले स्नेहा ने जेएनयू से एमए और एमफिल किया है।
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