किसान आंदोलन से जुड़े एक मामले में अब मोदी सरकार ट्विटर के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर सकती है। आईटी मंत्रालय ने ट्विटर को नोटिस जारी किया है। किसान आंदोलन को समर्थन करने वाले बंद किए गए ट्विटर खातों को बहाल करने पर यह नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में धारा 69ए के तहत निर्देशों का पालन नहीं करने पर ट्विटर को नतीजे भुगतने की चेतावनी दी गई है। सोमवार को ट्विटर ने कई यूज़र के खातों को बंद करने के बाद देर रात को फिर से बहाल कर दिया था और सरकार की नाराज़गी इसी को लेकर है। सरकार ने किसान आंदोलन पर एक हैशटैग से जुड़े ट्वीट और ट्विटर खाते पर कार्रवाई करने का आदेश दिया था।
इस मामले में पहले आईटी मंत्रालय ने ट्विटर को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए के तहत कार्रवाई करने को कहा था। इस पर किसानों के विरोध से संबंधित क़रीब 100 ट्विटर खाते और 150 ट्वीट सोमवार सुबह माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म से हट गए थे। हालाँकि, आईटी मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद सोमवार देर रात को उन खातों को फिर से अनब्लॉक यानी बहाल कर दिया गया।
उन खातों को अनब्लॉक करने के मामले में ही अब सरकार ने ट्विटर को चेतावनी जारी की है।
सरकार ने 18 पृष्ठ के नोटिस में कहा है कि सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ख़ुद को अदालत की भूमिका में मानकर नहीं चल सकती है और नियमों की पालना नहीं करने को सही नहीं ठहरा सकती है। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'ट्विटर एक मध्यस्थ होने के नाते अधिकारियों की संतुष्टि के अनुसार निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य है कि कौन सी भड़काऊ सामग्री सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित करेगी। ट्विटर सार्वजनिक आदेश पर इसके संभावित प्रभाव के बारे में अधिकारियों की संतुष्टि पर एक अपीलीय प्राधिकारी के रूप में व्यवहार नहीं कर सकता है।'
बयान में कहा गया है कि 'इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने रविवार को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत 257 यूआरएल और 1 हैशटैग को आपात स्थिति में ब्लॉक करने को कहा था, जिसे कि दुर्भाग्यपूर्ण तरीक़े से सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने पालन नहीं किया'।
उन खातों में किसान एकता मोर्चा का खाता भी शामिल था। प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर के अकाउंट पर भी रोक लगाई गई थी।
सरकार की तरफ़ से कहा गया कि किसान आंदोलन को लेकर हैशटैग #ModiPlanningFarmerGenocide और फर्जी, भड़काऊ व उकसाने वाले ट्वीट पर कार्रवाई की गई थी।
आईटी मंत्रालय ने ‘हिंसा को बढ़ावा मिलने की आशंका’ को देखते हुए इन ट्विटर अकाउंट्स और ट्वीट्स को आईटी एक्ट के सेक्शन 69ए के तहत ब्लॉक करने का आदेश दिया था। इसके बाद ट्विटर ने कार्रवाई की थी।
बाद में ट्विटर खातों को बहाल किए जाने पर 'द इंडियन एक्सप्रेस' से ट्विटर के सूत्रों ने बताया था कि सोमवार शाम को रोक तब हटाई गई जब माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफ़ॉर्म और मंत्रालय के अधिकारियों के बीच एक बैठक हुई। इसके अनुसार, 'ट्विटर ने बैठक में अधिकारियों को बताया था कि ये खाते और ट्वीट बोलने की आज़ादी वाले हैं और न्यूज़ से जुड़े हैं। इसी के कारण खातों को बहाल कर दिया गया था। सार्वजनिक बातचीत और पारदर्शिता की रक्षा करना ट्विटर पर यही हमारा मौलिक काम है।'
यह कार्रवाई तब की गई जब दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन क़रीब ढाई महीने से चल रहा है। उन ट्वीट पर कार्रवाई से क़रीब एक हफ़्ते पहले ही गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली और पुलिस में भिड़ंत हुई थी।
बता दें कि केंद्रीय एजेंसियाँ किसान आंदोलन का समर्थन करने वालों पर शिकंजा कस चुकी हैं। आढ़तियों, पंजाबी गायकों के अलावा लेखकों, पत्रकारों, व्यापारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को तक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से नोटिस भेजे जा चुके हैं। अब तो दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन स्थल पर दीवारें खड़ी की जा रही हैं, कंटीले तार लगाए जा रहे हैं और गड्ढे खोदे जा रहे हैं।
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