loader
फ़ोटो क्रेडिट- @APillania

जींद: टिकैत बोले- क़ानून की जगह गद्दी वापसी की मांग की तो होगी मुश्किल

पश्चिमी उत्तर प्रदेश से शुरू हुआ किसान महापंचायतों का दौर अब हरियाणा तक पहुंच गया है। बुधवार को जींद में हुई किसान महापंचायत में बड़ी संख्या में लोग उमड़े। पंजाब, हरियाणा के बाद किसान आंदोलन का केंद्र बने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान नेता राकेश टिकैत भी इस महापंचायत में पहुंचे। टिकैत ने कहा है कि देश भर में इस तरह की महापंचायतें होंगी। यह महापंचायत कंडेला गांव में हुई। इस दौरान मंच पर ज़्यादा भीड़ होने की वजह से मंच टूट गया। 

राकेश टिकैत की भावुक अपील का असर पश्चिमी उत्तर प्रदेश ही नहीं हरियाणा में भी हुआ है और योगी सरकार की ग़ाज़ीपुर बॉर्डर को खाली कराने की कोशिश के ख़िलाफ़ राज्य के किसानों और खाप पंचायतों में गुस्सा है। 

ताज़ा ख़बरें

राकेश टिकैत ने महापंचायत में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि अभी किसान कृषि क़ानूनों की वापसी की बात कर रहे हैं, अगर गद्दी वापसी की बात की तो सरकार के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी। टिकैत ने कहा कि उन्हें लोगों का साथ चाहिए। उन्होंने नारा लगवाया कि जब-जब राजा डरता है, किलेबंदी करता है। उन्होंने टिकरी, सिंघु और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर नुकीली कीलें लगाने को लेकर सरकार को चेताया। उन्होंने सरकार से कहा कि वह किसानों की मांगों को तुरंत मान ले। टिकैत ने कहा कि गिरफ्तार किसानों को रिहा किया जाए, इसके बाद ही सरकार से बातचीत संभव है। 

महापंचायत में प्रस्ताव पास किया गया है कि केंद्र सरकार इन कृषि क़ानूनों को तुरंत वापस ले और एमएसपी को क़ानूनी रूप दिया जाए। इसके अलावा किसान आंदोलन में दर्ज मुक़दमे वापस लेने और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने की भी मांग की गई है। 

इंटरनेट बंद होने से भड़के किसान 

किसान आंदोलन के बीच हरियाणा सरकार के द्वारा इंटरनेट को बंद किए जाने से किसान आग बबूला हैं। टिकरी, सिंघु, ग़ाज़ीपुर बॉर्डर सहित हरियाणा के कई जिलों में इंटरनेट बीते कई दिनों से बंद है। संयुक्त किसान मोर्चा भी चेता चुका है कि सरकार इंटरनेट बंद करने से बाज आए। 

मंगलवार को किसानों ने पटियाला-जींद-रोहतक-दिल्ली और हिसार-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। सोमवार रात को किसानों ने जींद-चंडीगढ़ हाईवे को कुछ देर के लिए जाम कर दिया था। उनका कहना था कि इंटरनेट के बंद होने से दफ़्तरों के कामकाज और बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है। 

खट्टर सरकार का कहना है कि उसने सोशल मीडिया पर अफ़वाहों को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट बंद किया है। खट्टर सरकार ने मंगलवार को (2G/3G/4G/CDMA/GPRS) व एसएमएस सेवाओं पर रोक को 3 फ़रवरी शाम 5 बजे तक बढ़ा दिया है। यह रोक कैथल, पानीपत, जींद, रोहतक, चरखी दादरी, सोनीपत और झज्जर में जारी रहेगी। इन इलाक़ों के लोग सिर्फ़ वाइस कॉल कर सकेंगे। 
देश से और ख़बरें

पश्चिमी यूपी में महापंचायतों का दौर

कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली-यूपी के ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों को हटाने की कोशिश के बाद किसान नेता राकेश टिकैत के भावुक भाषण ने माहौल बदल दिया है। राकेश टिकैत जिस दिन भावुक हुए थे, उस दिन रात से ही पूरा पश्चिमी उत्तर प्रदेश उबलने लगा था। कई गांवों से ट्रैक्टर-ट्रालियों में लोग ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पहुंचने लगे थे। उसके अगले दिन मुज़फ्फरनगर में पहली किसान महापंचायत हुई थी। मुज़फ्फरनगर के बाद मथुरा, बाग़पत और बिजनौर में महापंचायत हो चुकी हैं। 

राजस्थान में भी महापंचायत

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान के दौसा और मेहंदीपुर बालाजी में हो चुकी किसान महापंचायतों में बड़ी संख्या में किसान जुटे हैं और यह निश्चित रूप से मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाला है। 

इन दोनों जगहों पर हुई महापंचायतों में किसानों ने कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आर-पार की लड़ाई लड़ने का आह्वान किया है। किसानों ने मोदी सरकार को चेतावनी दी कि वह इन क़ानूनों को तुरंत वापस ले वरना राजस्थान से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली के ग़ाज़ीपुर बॉर्डर और हरियाणा-राजस्थान के शाहजहांपुर बॉर्डर के लिए कूच करेंगे। उत्तराखंड के तराई वाले इलाक़ों में भी किसान आंदोलन बहुत मजबूत हो चुका है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें