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जैश-ए-मुहम्मद प्रमुख मसूद अज़हर और तालिबान प्रमुख बरादर में मुलाक़ात

आतंकवादी गुट जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अज़हर ने तालिबान प्रमुख मुल्ला अब्दुल ग़नी बरादर से कांधार में मुलाक़ात की और जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियाँ नए सिरे से तेज़ करने में मदद माँगी है। 

'इंडिया टुडे' ने यह ख़बर दी है। इसके अनुसार, मसूद अज़हर ने कांधार जाकर बरादर से मुलाक़ात की। इसके ठीक पहले काबुल पर तालिबान के नियंत्रण होते ही जैश ने खुशी जताई, तालिबान को बधाई दी और इसे इसलाम की जीत क़रार दिया था। 

जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी वारदातों को अंजाम देने वाले पाकिस्तान स्थित इस  गुट के मुल्ला बरादर से मुलाक़ात के ही समय तालिबान प्रवक्ता ने ज़ोर देकर कहा था कि अफ़ग़ानिस्तान की ज़मीन का इस्तेमाल किसी भी देश के ख़िलाफ़ नहीं करने दिया जाएगा।

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यह समझा गया था कि तालिबान चीन और भारत समेत सभी देशों को आश्वस्त करना चाहता है कि उसके यहां से किसी तरह की आतकंवादी गतिविधियों की इजाज़त नहीं दी जाएगी।

तालिबान को बधाई

मसूद ने 'मंजिल की तरफ' नामक एक लेख कर इस पर खुशी जताई थी कि अफ़ग़ानिस्तान में 'अमेरिकी सेना हार गई' और अब 'इसलामी राज' स्थापित हो जाएगा।

तालिबान और जैश-ए-मुहम्मद दोनों के बीच वैचारिक समानता है। दोनों ही सुन्नी इसलाम की देवबंदी विचारधारा को मानते हैं, दोनों ही इसलाम की कट्टर व्याख्या करते हैं और उस हिसाब से उस रास्ते पर चलते हैं। उनकी नज़र में वे तमाम मुसलमान ग़लत हैं जो इसलाम की उनकी व्याख्या से सहमत नहीं हैं।

विमान अपहरण

जैश-ए- मुहम्मद का मसूद अज़हर ही वह आदमी है, जिसे 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने इंडियन एअरलाइन्स के अपहृत विमान के बंधकों के बदले रिहा कर दिया था। 

जैश ने काडमान्डू से उड़े विमान का अपहरण कर लिया था और उसे अफ़ग़ानिस्तान के कांधार ले गए थे। उस  समय अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान का क़ब्ज़ा था। 

मसूद ने जेल से रिहा होने के बाद पाकिस्तान जाकर जैश-ए-मुहम्मद की स्थापना की थी।

jaish-e-muhammad chief maulana masood azhar meets taliban chief mullah abdul ghani baradar - Satya Hindi
2019 में जैश ने कराया था पुलवामा हमला
उसके बाद जैश ने कई बार जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले किए। उसका सबसे बड़ा हमला पुलवामा में फरवरी 2019 को हुआ था। जैश के एक स्थानीय आतंकवादी ने बीएसएफ़ के एक काफ़िले पर आत्मघाती हमला कर दिया। इसमें 40 से ज़्यादा भारतीय जवान व अफ़सर मारे गए थे। 

अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी

बता दें कि मई 2019 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया था। चीन ने इस संबंध में अपनी आपत्ति वापस ले ली थी। 

इससे पहले चीन के लगातार विरोध के कारण मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकवादी घोषित नहीं किया जा सका था। 

आंतक के आका मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के मौजूदा प्रस्तावक भले ही अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन हों लेकिन इसे भारत के कूटनीतिक प्रयासों की बड़ी जीत माना जा रहा है। 

फ़्रांस की सरकार ने मसूद को यूएनएससी 1267 प्रतिबंध समिति के द्वारा आतंकवादी घोषित किए जाने के फ़ैसले का स्वागत किया है। बता दें कि फ़्रांस ने पुलवामा हमले के बाद मसूद अज़हर के ख़िलाफ़ प्रतिबंध भी लगाया था।

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क़मर वहीद नक़वी

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