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अभिषेक, उनकी पत्नी को ईडी का समन, बीजेपी पर भड़कीं ममता 

जांच एजेंसी ईडी की ओर से भतीजे अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रूजिरा नरूला बनर्जी को समन भेजे जाने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीजेपी पर भड़क गई हैं। ममता ने कहा है कि बीजेपी केंद्रीय एजेंसियों को हमारे ख़िलाफ़ इस्तेमाल कर रही है। ईडी ने दोनों को कोयला घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समन भेजा है।

डायमंड हार्बर सीट से सांसद अभिषेक बनर्जी से 6 सितंबर को ईडी के दिल्ली स्थित दफ़्तर में पेश होने के लिए कहा गया है जबकि उनकी पत्नी से 1 सितंबर को। इनके वकील संजय बासु से भी कहा गया है कि वे 3 सितंबर को एजेंसी के सामने पेश हों। 

ममता ने कहा, “आपने हमारे ख़िलाफ़ ईडी को क्यों छोड़ दिया है। इस एक मामले के जवाब में हम कई मुद्दे उठाएंगे। हम जानते हैं कि जवाब किस तरह देना है। हम गुजरात का इतिहास जानते हैं।” 

मुख्यमंत्री ने कहा, “कोयला घोटाले के मामले में टीएमसी पर उंगली उठाने का कोई फ़ायदा नहीं है। उन बीजेपी नेताओं के बारे में क्या कहेंगे जिन्होंने बंगाल के आसनसोल इलाक़े की कोयले की बेल्ट को लूट लिया।”

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ईडी ने पश्चिम बंगाल पुलिस के दो सीनियर आईपीएस अफ़सरों- श्याम सिंह और ज्ञानवंत सिंह से भी कहा है कि वे भी इसी मामले में क्रमश: 8 व 9 सितंबर को ईडी के सामने हाज़िरी लगाएं। ईडी ने इस मामले में सीबीआई के द्वारा दर्ज एफ़आईआर के आधार पर जांच शुरू की है। 

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भी रूजिरा से कोयला घोटाले को लेकर सीबीआई ने पूछताछ की थी। उनकी बहन और परिवार से भी पूछताछ की गई थी। सीबीआई ने पूछा था कि कोयला घोटाले के आरोपी अनूप मांझी ने रूजिरा को पैसे क्यों दिए। 

Abhishek Banerjee Summoned by ED  - Satya Hindi
बीजेपी का कहना था कि जांच एजेंसी इस मामले में अपना काम कर रही है जबकि टीएमसी ने कहा था कि यह एजेंसियों के जरिये विपक्षी नेताओं को डराने की कोशिश है। 

सीबीआई ने पूर्वी कोलफील्ड लिमिटेड के कुनुस्तोरिया और कजोरिया कोयला क्षेत्रों से अवैध खनन और कोयले की चोरी की जांच के लिए नवंबर, 2019 में मामला दर्ज किया था। आरोप है कि कोयला माफिया ने बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को नियमित रूप से घूस दी। 

एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल

ईडी, सीबीआई के किसी विपक्षी नेता को समन करने के बाद वही पुराना सवाल फिर से खड़ा हो जाता है कि क्या इन एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल हो रहा है। पिछले सात सालों में सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स जैसी प्रतिष्ठित जांच एजेंसियों की छापेमारी पर ढेरों सवाल उठे हैं कि क्यों ये एजेंसियां विपक्षी नेताओं, उनके रिश्तेदारों, करीबियों को धड़ाधड़ समन भेज रही हैं या उनके घरों-दफ़्तरों में छापेमारी कर रही हैं। 

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टीएमसी से मिलती चुनौती  

पश्चिम बंगाल के सियासी किले को महफ़ूज रखने में कामयाब रहीं ममता बनर्जी टीएमसी के सियासी विस्तार के काम में जुटी हैं। बंगाल से बाहर जिन राज्यों पर उनकी नज़र है, वह त्रिपुरा और असम हैं। टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी पर त्रिपुरा के दौरे के दौरान हमला भी हो चुका है। 
इन दोनों ही राज्यों में बीजेपी की सरकार है। ममता बनर्जी की कोशिश कई राज्यों में टीएमसी का संगठन खड़ा करने और विपक्षी दलों का एक मजबूत एंटी बीजेपी फ्रंट बनाने की है। इसी के तहत वे हाल ही में दो दिन के दिल्ली दौरे पर आई थीं। 

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क़मर वहीद नक़वी

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