एक ऐतिहासिक क़दम उठाते हुए एडिटर्स गिल्ड ऑव इंडिया ने आज अपने दो वरिष्ठ सदस्यों एम. जे. अकबर और तरुण तेजपाल की सदस्यता निलम्बित कर दी।'द टेलीग्राफ़', 'एशियन एज' और 'इंडिया टुडे' जैसे अनेक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं के संपादक रहे अकबर के साथ काम कर चुकी कई महिला पत्रकारों ने 'मीटू' अभियान के तहत अकबर पर यौन-उत्पीड़न और छेड़छाड़ के गम्भीर आरोप लगाए थे। इन्हीं आरोपों के चलते अकबर को विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा भी देना पड़ा था। अकबर एडिटर्स गिल्ड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।तरुण तेजपाल भी 'तहलका' जैसे चर्चित पत्रिका के प्रधान संपादक थे और उनके ख़िलाफ़ भी उनकी एक महिला सहयोगी ने बलात्कार का आरोप लगाया था। इस मामले में तेजपाल के ख़िलाफ़ मुक़दमा भी चल रहा है।
'मीटू' में एक के बाद एक क़रीब बीस महिला पत्रकारों द्वारा अकबर पर यौन-उत्पीड़न के कई संगीन आरोप लगाए जाने के बाद एडिटर्स गिल्ड के तमाम सदस्यों की तरफ़ से अकबर की सदस्यता ख़त्म करने की माँग लगातार उठ रही थी। अन्तत: गिल्ड की कार्यसमिति ने सर्वसम्मति से अकबर और तेजपाल की सदस्यता निलम्बित करने का फ़ैसला कर लिया। तेजपाल की सदस्यता उनके ख़िलाफ़ चल रहे मुक़दमे का फ़ैसला होने तक निलम्बित रहेगी।'डीएनए' मुम्बई के संस्थापक संपादक और 'टाइम्स ऑव इंडिया' के पूर्व संपादक गौतम अधिकारी के ख़िलाफ़ भी 'मीटू' में मामला आया था। गिल्ड की बैठक में उनके मामले पर भी चर्चा हुई। फ़िलहाल गिल्ड ने उन्हें चिट्ठी लिख कर उनसे इन आरोपों पर अपना पक्ष रखने को कहा है।
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