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करतारपुर कॉरिडोर के बहाने खालिस्तान आंदोलन को हवा देगा पाक?

लगता है कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान अपनी हरक़तों से बाज नहीं आयेगा। वह ख़ुद को हर बार पाक साफ बतायेगा और कहेगा कि आतंकवाद और आतंकवादियों से उसका कोई लेना-देना नहीं है लेकिन हरक़तें ऐसी करेगा जिससे हर बार उस पर सवाल खड़े हों। एक बार फिर उसने ऐसी ही हरक़त की है। 

भारत और पाकिस्तान ही नहीं दुनिया भर के सिख तीर्थयात्रियों के लिये करतारपुर गुरुद्वारे का बहुत महत्व है। करतारपुर गुरुद्वारा पाकिस्तान के नरोवाल जिले में है। आज तक भारत के सिख तीर्थयात्रियों को एक लंबी दूरी तय करने के बाद करतारपुर गुरुद्वारे तक पहुंचना होता था। लेकिन पाकिस्तान और भारत के बीच सहमति बनी कि भारत-पाक सीमा पर एक कॉरिडोर बनाया जायेगा, जिससे होकर भारत के श्रद्धालु करतारपुर गुरुद्वारे तक पहुंच सकेंगे। इसके बाद इस कॉरिडोर को बनाये जाने का काम शुरू हुआ और 9 नवंबर को इसका उद्घाटन होना है। लेकिन इससे पहले पाकिस्तान की एक नापाक हरक़त के कारण दोनों देशों के बीच फिर तनाव बढ़ने के आसार हैं। 

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हुआ यूं है कि पाकिस्तान की सरकार के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से करतारपुर गुरुद्वारे का थीम सांग रिलीज किया गया है। इस गाने में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को दिखाया गया है। लेकिन इसके साथ ही गीत में तीन खालिस्तानी आतंकवादियों का पोस्टर भी दिखाया गया है, जिसमें रेफ़रेंडम 2020 लिखा गया है। 

वीडियो में दिख रहे पोस्टर में खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाला, अमरीक सिंह खालसा और मेजर जनरल शबेग सिंह को दिखाया गया है। ये सभी खालिस्तानी अलगाववादी नेता जून 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान मारे गए थे।
इससे पाकिस्तान के वे नापाक इरादे भी सामने आ गये हैं जिन्हें लेकर भारत लगातार सवाल उठाता रहा है। क्योंकि कई बार अंदेशा जताया जाता जा चुका है कि करतारपुर कॉरिडोर का इस्तेमाल करके पाकिस्तान खालिस्तान समर्थकों की भावनाओं को भड़काना चाहता है। 
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करतारपुर गलियारे के उद्घाटन के मौक़े पर इस तरह की नापाक हरक़त को लेकर नाराज़गी होना स्वाभाविक है। लेकिन इससे साथ ही पाकिस्तान का असली चेहरा भी सामने आ गया है। कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान के रेल मंत्री राशिद का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें उनके साथ खालिस्तानी आतंकवादी गोपाल चावला भी दिखाई दिया था। 

खालिस्तान आंदोलन को भड़काने की कोशिश

पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया में इस तरह के वीडियो सामने आये हैं जिनमें पंजाब के अंदर खालिस्तान आंदोलन को भड़काने और 2020 तक पंजाब में जनमत संग्रह कराने की बात कही गई है। ये उग्रवादी संगठन पंजाब को खालिस्तान नाम का अलग देश बनाने के मंसूबे पाले हुए हैं। कहा जाता है कि इन संगठनों से जुड़े लोग पाकिस्तान, कनाडा, अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई देशों में सक्रिय हैं और भारत में रहने वाले सिखों को अलग देश के नाम पर भड़का रहे हैं।

वीडियो के सामने आने के बाद सवाल यही उठता है कि क्या पाकिस्तान करतारपुर गुरुद्वारे के दर्शन के बहाने सिखों को कट्टरवादी सोच और खालिस्तान के समर्थन के लिए माहौल बनाने की कोशिश तो नहीं करना चाहता है?

आईएसआई दे रही हवा 

पंजाब के जानकारों के मुताबिक़, पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई लगातार खालिस्तान समर्थकों को हवा दे रही है और उसकी कोशिश पंजाब का माहौल ख़राब करते हुए एक बार फिर राज्य में कत्लेआम करवाने की है। बता दें कि पंजाब लंबे समय तक उग्रवाद की चपेट में रहा और इस दौरान खालिस्तान के मुद्दे पर हजारों निर्दोष हिंदुओं-सिखों को अपनी जान गंवानी पड़ी। 

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पवन उप्रेती

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