रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात करने के बाद भारत को भरोसेमंद और परखा हुआ दोस्त बताया। दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में हुई यह बैठक औपचारिक थी और विस्तार से बात अभी होनी है। इसके अलावा दोनों देशों के विदेश मंत्री व रक्षा मंत्री मिलेंगे, जिससे भारत-रूस रिश्तों को नई ऊँचाइयाँ मिलेंगी।
मोदी ने कहा, "कोविड की चुनौतियों के बावजूद भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों और सामरिक भागीदारी में कोई बदलाव नहीं आया है। कोविड के ख़िलाफ़ लड़ाई में भी दोनों देशों के बीच सहयोग रहा है।"
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आर्थिक क्षेत्र में भी हमारे रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए हम एक दीर्घकालिक दृष्टि अपना रहे हैं। हमने 2025 तक 30 अरब डॉलर के व्यापार और 50 अरब डॉलर के निवेश का लक्ष्य रखा है।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
दोस्ती के 50 साल
नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह साल द्विपक्षीय संबंधों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, इस वर्ष हमारे 1971 की शांति, मित्रता व सहयोग संधि के पाँच दशक और हमारी सामरिक भागीदारी के दो दशक पूरे हो रहे हैं।
उन्होंने कहा, "आज हमारे बीच हुए विभिन्न समझौतों से इसमें मदद मिलेगी। मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत कोर डेवलपमेंट और को- प्रोडक्शन से हमारा रक्षा सहयोग और मज़बूत हो रहा है।"
क्या कहा पुतिन ने?
रूसी राष्ट्रपति ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि 'हम भारत को एक बड़ी शक्ति, एक मित्र राष्ट्र और समय के साथ परखे गए मित्र के रूप में देखते हैं।'
उन्होंने कहा,
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मुझे भारत आकर बहुत खुशी हो रही है। पिछले साल दोनों देशों के बीच व्यापार में 17% की गिरावट हुई थी, लेकिन इस साल पहले नौ महीनों में व्यापार में 38% की बढ़ोतरी देखी गई है।
व्लादिमीर पुतिन, राष्ट्रपति, रूसी गणराज्य
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा ऐसे समय हो रही है जब नई दिल्ली के बारे में यह धारणा लगभग पक्की हो चुकी है कि वह अमेरिका का जूनियर पार्टनर बन गया है और इसकी विदेश नीतियाँ वाशिंगटन की शह पर चलती हैं।
लेकिन मामला सिर्फ इतना ही नहीं है, इस यात्रा का महत्व इसमें भी है कि दो पुराने दोस्त बदली हुई भौगोलिक-रणनीतिक स्थितियों में अपने रिश्तों को एक बार फिर से परिभाषित करना चाहते हैं।
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