loader

राष्ट्रपति के कानपुर दौरे पर सुरक्षा के लिए रास्ता रोका, बीमार महिला की मौत

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पैतृक गाँव की यात्रा पर एक विवाद खड़ा हो गया हा। कानपुर देहात ज़िला स्थित उनके गाँव की यात्रा को देखते हुए सुरक्षा इतंजाम किया गया और सड़क परिवहन को कई जगहों पर रोक दिया गया। इस वजह से कोरोना से पीड़ित एक महिला को समय पर अस्पताल नहीं पहुँचाया जा सका, जिससे उनकी मौत हो गई। 

राष्ट्रपति ने इस पर गहरी संवेदना जताई है और पुलिस प्रमुख ने पीड़िता के परिजनों से माफ़ी माँगी है। 

ख़ास ख़बरें

राष्ट्रपति तीन दिनों की यात्रा पर थे और दिल्ली से विशेष ट्रेन से कानपुर पहुँचे। इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ इंडस्ट्रीज़ के महिला विंग की वंदना मिश्रा कोरोना से ठीक हो चुकी थीं, लेकिन बाद में उनकी तबियत बिगड़ी। उन्हें एक दूसरे अस्पताल लेने जाने की कोशिश की गई।

लेकिन राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए जो सुरक्षा व्यवस्था की गई थी, उसके तहत वह रास्ता भी बंद कर दिया गया था, जिससे होकर वंदना मिश्रा को अस्पताल ले जाना था। रास्ता बंद होने के कारण वे आगे नहीं जा सकीं और अस्पताल पहँचने के पहले ही उनकी मौत हो गई।

कानपुर पुलिस के प्रमुख असीम अरुण ने इस पर माफ़ी माँगी है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘वंदना मिश्रा की मौत पर कानपुर पुलिस और ख़ुद अपनी ओर से मैं माफ़ी माँगता हूँ। इससे हमने शिक्षा ली है। हम भविष्य में ऐसा रूट तैयार करेंगे कि लोगों को कम से कम समय के लिए रुकावट का सामना करना पड़े और इस तरह की वारदात दुबारा न हो।’

पुलिस प्रमुख ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ने पुलिस कमिश्नर व ज़िला मजिस्ट्रेट से इस बारे में पूछा है और कहा है कि वे शोक संतप्त परिवार को उनकी ओर से संवेदना व्यक्त करें। 

‘एनडीटीवी’ का कहना है कि पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारी वंदना मिश्रा की अंत्येष्टि में गए और उनके परिजनों से मुलाक़ात कर संवेदना व्यक्त की।

दूसरी ओर, कानपुर पुलिस ने लापरवाही और निर्देश से अधिक समय तक ट्रैफिक रोकने  के आरोप में सब इन्स्पेक्टर सुशील कुमार और 3 दूसरे पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है। इस मामले की जाँच के आदेश दिए गए हैं। कानपुर के एडिशनल डीसीपी मामले की जाँच करेंगे।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें