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बलात्कार के फरार अभियुक्त नित्यानंद ने बनाया अपना 'राष्ट्र'? 

क्या ऐसा कमाल भी हो सकता है कि बलात्कार के आरोपी किसी व्यक्ति की पुलिस शिद्दत से तलाश कर रही हो और उसके बारे में यह ख़बर आए कि उसने अपना एक अलग देश ही बना लिया है। हम बात कर रहे हैं स्वयंभू स्वामी नित्यानंद की। नित्यानंद के इस देश का नाम 'कैलासा' बताया जा रहा है। बताया गया है कि यह हिंदू राष्ट्र है। बताया गया है कि हिंदू राष्ट्र बनाने का मक़सद हिंदू धर्म की रक्षा करना और मानवता के प्रति लोगों को जागरूक करना है। नित्यानंद पर कर्नाटक में दुष्कर्म का एक मामला चल रहा है। गुजरात के उसके आश्रम में लड़कियाें के शाेषण की ख़बरें आने के मामले में भी पुलिस को उसकी तलाश है। 

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'कैलासा' की अपनी वेबसाइट kailaasa.org है। वेबसाइट के मुताबिक़, यह राष्ट्र सीमाओं से रहित है और दुनिया भर से बेदखल किए गए हिंदुओं के द्वारा बसाया गया है। ‘कैलासा’ किस जगह है, इसे लेकर रहस्य बना हुआ है। ख़बरों में कहा गया है कि यह एक प्राइवेट द्वीप है और नित्यानंद ने त्रिनिदाद और टोबैगो के नज़दीक इक्वाडोर के आसपास इसे ख़रीदा है। 

kailaasa.org में नित्यानंद की भरपूर तारीफ की गई है। नित्यानंद का विकिपीडिया पर भी अपना पेज बना है और इसका नाम रखा गया है - नित्यानंदपेडिया। वेबसाइट पर नित्यानंद की सभी शिक्षाएँ ऑडियो, किताबें आदि के रूप में उपलब्ध हैं। 

आपको यह जानकर बेहद हैरानी होगी कि कैलासा का अपना पासपोर्ट और झंडा भी है। वेबसाइट में कहा गया है कि जिसके पास भी यह पासपोर्ट है वह परमशिवा के आशीर्वाद के द्वारा कैलासा की 11 दिशाओं और 14 लोकों में घूम सकता है। वेबसाइट इस बात का दावा करती है कि कैलासा की अपनी कैबिनेट है और इसमें स्वास्थ्य, टेक्नोलॉजी, वाणिज्य और कई तरह के विभाग हैं। 

‘कैलासा’ का राष्ट्रीय फूल कमल का फूल है। वेबसाइट इस बात का दावा करती है कि उसका उद्देश्य मंदिर आधारित जीवनशैली को पुनर्जीवित करना, सभी के लिए मुफ़्त स्वास्थ्य सेवाएँ, सभी के लिए मुफ़्त शिक्षा उपलब्ध कराना है।
self-styled godman Nithyananda formed a new country Kailaasa - Satya Hindi
'कैलासा' का राष्ट्रीय झंडा।
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'कैलासा' का राष्ट्रीय पशु।
वेबसाइट में कहा गया है कि युद्ध, पारिस्थितिक विनाश, घृणा और विभाजन से तबाह हो रही दुनिया में ‘कैलासा’ मानवीयता, सह-अस्तित्व और प्रकृति के साथ खड़ा है। 
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'कैलासा' का राष्ट्रीय पेड़।
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'कैलासा' का राष्ट्रीय फूल।
अपने सिद्धांतों के आधार पर ‘कैलासा’ लैंगिक समानता, ग्लोबल वार्मिंग के ख़िलाफ़ लड़ाई, सभी के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा, शाकाहारी का समर्थन करता है। दावा किया गया है कि ‘कैलासा’ आध्यात्मिक, धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, आर्थिक और राजनीतिक वैधता ला रहा है। दावा किया गया है कि यह पूरी मानवता के लिए लाभदायक हो सकता है। 
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पवन उप्रेती

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