loader

सीबीआई एक ही मामले में दो अभियुक्तों से अलग-अलग व्यवहार करती है: अदालत

दिल्ली की विशेष अदालत ने केंद्रीय जाँच ब्यूरो की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि यह एजेन्सी एक ही मामले में अलग-अलग अभियुक्तों के साथ अलग-अलग व्यवहार करती है। यह भेदभावपूर्ण व्यवहार है। इस तरह का भेदभावपूर्ण व्यवहार संविधान का उल्लंघन है। 

विशेष जज ओ. पी. सैनी ने एअरसेल-मैक्सिस मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम की अग्रिम ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने अग्रिम ज़मानत देते हुए कहा कि अभियुक्त पर लगे आरोप 'बहुत ही गंभीर किस्म के नहीं हैं।' 

सम्बंधित खबरें
विशेष जज सैनी ने चिदंबरम मामले की तुलना डीएमके नेता दयानिधि मारन मामले से की। उन्होंने कहा, 'अभियुक्त पर लगे आरोप दूसरे अभियुक्त पर लगे आरोप की तुलना में गंभीर नहीं हैं। याचिकाकर्ता पर 1,13,61,25 रुपये के घूस या मनी लॉन्डरिंग का आरोप है। यह रकम दयानिधि मारन पर लगे 749 करोड़ रुपये की घूस या मनी लॉन्डरिंग के आरोप के मुकाबले कुछ भी नही है, लेकिन मारन को गिरफ़्तार नहीं किया गया था।'

किसी जाँच एजेन्सी को एक समान दो अभियुक्तों के बीच भेदभाव नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह नियम के ख़िलाफ़ है। यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि एक समान मामले मे दो अभियुक्तों के बीच भेदभाव करना संविधान की बुनियादी अवधारणा के ख़िलाफ़ है। संविधान में कहा गया है कि राज्य की एजेन्सियों को हमेशा न्यायपूर्ण, उचित और सही तरीक से काम करना चाहिए।


ओ. पी. सैनी, जज, विशेष अदालत

विशेष अदालत ने इसके आलावा प्रवर्तन निदेशालय यानी एनफ़ोर्समेंट डाइरेक्टरेट (ईडी) की अलग से आलोचना की। 
जज सैनी ने कहा, 'ईडी का व्यवहार अपने आप में ही बहुत कुछ कहता है और इस पर विस्तार से कुछ कहने की ज़रूरत नहीं है। जाँच में काफ़ी देर हुई जबकि मामले से जुड़ी तमाम चीजें शुरू से ही एजेन्सी के पास ही रही हैं।'
जिस समय मैक्सिस ने एअरसेल का अधिग्रहण किया, पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे। एजेन्सी ने आरोप लगाया कि चिदंबरम ने फ़ॉरन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफ़आईबी) से इसकी अनुमति दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एअरसेल-मैक्सिस सौदा 3,500 करोड़ रुपए का था, इसलिए उसे अनुमति के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति के पास भेजा जाना चाहिए था, क्योंकि वित्त मंत्रालय के पास 600 करोड़ रुपए तक के निवेश की अनुमति देने का ही अधिकार है। 

सीबीआई और ईडी ने यह आरोप भी लगाया है कि एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड को एअरसेल टेलीवेंचर्स ने 26 लाख रुपये बतौर फ़ीस दिए। समझा जाता है कि पी चिदंबरम के बेटे कार्ति इस कंपनी के मालिक थे। पी चिदंबरम ने इसे खारिज करते हुए तर्क दिया कि एजन्सियों को इस मामले की जाँच करने का कोई हक़ ही नहीं है क्योंकि इससे जुड़े सभी लोगों को पहले ही बरी किया जा चुका है। 

एक दूसरे मामले में पी चिदंबरम को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया है। उसकी जाँच भी सीबीआई ही कर रही है। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया और आईएनएक्स मीडिया को ग़लत तरीके से विदेश पूंजी निवेश की अनुमति एफ़आईपीबी से दिलवाई। इसके बदले में उनके बेटे कार्ति की कंपनी को आईएनएक्स मीडिया ने बड़ी रकम बतौर घूस दी। चिदंबरम ने तमाम आरोपों से इनकार किया है। वे फ़िलहाल जेल में हैं। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें