loader
प्रतीक हजेलाफ़ोटो साभार: ट्विटर

एनआरसी कोऑर्डिनेटर हजेला का तबादला, सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला का तुरंत प्रभाव से तबादला करने का आदेश दिया है। एनआरसी में जानबूझकर नाम नहीं जोड़े जाने की शिकायतें और हंगामे के बाद की परिस्थितियों में यह आदेश आया है। इनके ख़िलाफ़ 31 अगस्त को जारी एनआरसी सूची से लोगों के नाम ग़लत तरीक़े से बाहर कर देने की शिकायतें आई थीं। शिकायत के बाद पिछले महीने हजेला के ख़िलाफ़ दो मामलों में असम पुलिस ने केस दर्ज किया था। पहला केस अखिल असम गोरिया मोरिया युवा छात्र परिषद ने हजेला के ख़िलाफ़ गुवाहाटी में दर्ज कराया था, जबकि दूसरा केस डिब्रूगढ़ ज़िले में एक व्यक्ति चंदन मजूमदार ने कराया था। चंदन का आरोप है कि उनका नाम एनआरसी से जानबूझकर निकाला गया। इन्होंने कई लोगों को पात्र होने का दावा करते हुए नाम नहीं शामिल करने पर हंगामा किया था।

ताज़ा ख़बरें

इसी मामले में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस.ए. बोबडे और जस्टिस फली नरीमन की बेंच ने केंद्र को उनका कैडर बदलकर मध्य प्रदेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने हजेला के ट्रांसफ़र का कारण नहीं बताया, लेकिन एक न्यूज़ एजेंसी का दावा है कि हजेला की जान को ख़तरे के मद्देनज़र यह फ़ैसला दिया गया है। जब अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने पूछा कि हजेला का ट्रांसफ़र किस कारण किया जा रहा है तो मुख्य न्यायाधीश गोगोई ने यह ज़रूर कहा कि क्या कोई आदेश बिना वजह के हो सकता है, लेकिन उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया।

सम्बंधित खबरें

बता दें कि एनआसीसी की आख़िरी सूची प्रकाशित होने के बाद बड़ी संख्या में लोग दावा करते रहे हैं कि उनके पास वैध कागजात होने के बावजूद उनके नाम शामिल नहीं किए गए। पहली सूची जारी होने पर भी ऐसी ही शिकायतें आयी थीं। पहली सूची में 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों को नागरिक माना गया था, वहीं 40.37 लाख लोगों को बाहर कर दिया गया था। इसके बाद एनआरसी सूची से बाहर रह गए लोगों को फिर से आवेदन करने का मौक़ा मिला था और जब 31 अगस्त को फ़ाइनल सूची जारी हुई तो बड़ी संख्या में लोग उस सूची में शामिल कर लिए गए। 31 अगस्त को आई अंतिम एनआरसी सूची में आवेदन करने वाले कुल 3,30,27,661 में से 3,11,21,004 को भारत के नागरिक का दर्जा दिया गया था। 19,06,657 लोगों के नाम बाहर कर दिए गए।

एनआरसी की सूची प्रकाशित होने के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस, दोनों ही हजेला की आलोचना कर चुके हैं। सितंबर महीने में वरिष्ठ कांग्रेस नेता तरुण गोगोई ने यह शिकायत करते हुए जस्टिस गोगोई को पत्र लिखा था कि हजेला अपनी ज़िम्मेदारी सही तरीक़े से नहीं निभा पा रहे हैं। यह तभी हुआ था जब हजेला के ख़िलाफ़ दो केस दर्ज किए गए थे जिनमें आरोप लगाया गया था कि सही कागजात होने पर भी जानबूझकर लोगों के नाम एनआरसी से बाहर रखे गए। 
देश से और ख़बरें

एनआरसी के इस पूरे मामले की निगरानी सुप्रीम कोर्ट कर रहा है। लेकिन इस पर काम कराने की ज़िम्मेदारी कोऑर्डिनेटर की है। कोऑर्डिनेटर ने ही एनआरसी की सूची तैयार की है और इसको प्रकाशित किया है। हजेला सितंबर 2013 से असम में एनआरसी कोऑर्डिनेटर पद पर थे। सूची के प्रकाशन के बाद से ही एनआरसी पर विवाद पैदा हो गया। कई लोगों का कहना है कि सही दस्तावेज़ होने के बावजूद अधिकारियों ने उन्हें सूची में शामिल नहीं किया।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें