फ़ोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीक़ी की मौत को लेकर चरमपंथी संगठन तालिबान की ओर से नया बयान सामने आया है। तालिबान ने कहा है कि दानिश क्रास फ़ायरिंग में मारे गए और यह उनकी ग़लती थी कि उन्होंने तालिबान से संपर्क नहीं किया।
एनडीटीवी के साथ बातचीत में तालिबान के प्रवक्ता मुहम्मद सोहेल शाहीन ने कहा, “आप यह नहीं कह सकते कि उसे हमारे लड़ाकों ने मारा। उसने हमारे साथ संपर्क क्यों नहीं कायम किया। हमने पत्रकारों के लिए कई बार इस बात का एलान किया था कि जब वे यहां आएं, हमसे ज़रूर संपर्क कर लें और हम आपको सुरक्षा देंगे।”
शाहीन ने कहा, “लेकिन दानिश काबुल के सुरक्षा बलों के बेड़े के साथ चले गए। इस बात का पता करना मुश्किल था कि वे सुरक्षा बलों के लोग हैं, सिपाही हैं या उनके बीच पत्रकार भी हैं।” प्रवक्ता ने कहा कि दानिश की मौत क्रास फ़ायरिंग में हुई है, इसलिए इस बात का पता नहीं है कि वह किसकी फ़ायरिंग में मारे गए।
रिपोर्ट के मुताबिक़, दानिश सिद्दीक़ी को छर्रे लगे थे, वे ज़ख़्मी हो गए थे और उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए पास की मसजिद में ले जाया गया। तालिबान के चरमपंथियों को पता चला कि दानिश मसजिद में हैं तो वे वहां पहुंच गए। जब तालिबान ने दानिश सिद्दीक़ी को पकड़ा, वे जीवित थे। उनकी पहचान की और उन्हें मार डाला। उनके साथ गए लोग और उन्हें बचाने के लिए आए कमांडो भी मारे गए।
क्षत-विक्षत करने से इनकार
दानिश सिद्दीक़ी के शरीर को क्षत-विक्षत करने की भी ख़बर आई थी लेकिन तालिबान के प्रवक़्ता ने इससे इनकार किया और कहा कि उनकी ओर से शव को क्षत-विक्षत नहीं किया गया। प्रवक्ता ने एनडीटीवी से कहा, “हो सकता है कि सुरक्षा बलों ने हमें बदनाम करने के लिए ऐसा किया हो, शवों को क्षत-विक्षत करना इसलाम के नियमों के ख़िलाफ़ है।”
शाहीन ने कहा कि देश भर के पत्रकार अफ़ग़ानिस्तान आ सकते हैं और देख सकते हैं कि ज़मीनी हालात क्या हैं।
शाहीन ने कहा कि अगर तालिबान अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता में आता है तो वह आतंकी संगठनों अल क़ायदा और आइसिस को यहां की ज़मीन का इस्तेमाल नहीं करने देगा। उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि पाकिस्तान उन्हें मदद दे रहा है।
इस तरह की ख़बरों पर कि भारत सरकार ने हाल ही में तालिबान से बात की है, शाहीन ने कहा कि उन्होंने भी ऐसी ख़बरें सुनी हैं लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पाई।
तेज़ी से बढ़ रहा आगे
बीते कुछ हफ़्तों में तालिबान बहुत तेज़ी से आगे बढ़ा है और उसने अफ़ग़ानिस्तान के बड़े शहरों पर नियंत्रण कर लिया है। बातचीत के दौरान तालिबान के प्रवक्ता ने इस बात का दावा किया कि तालिबान ने मुल्क़ के 90 फ़ीसदी हिस्से पर कब्जा कर लिया है। अमेरिकी और नाटो देशों की सेनाओं के अफ़ग़ानिस्तान को छोड़ने के बाद तालिबान बेहद आक्रामक ढंग से आगे बढ़ा है।
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