loader
फ़ोटो क्रेडिट - ट्विटर

पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात दो लोगों पर जासूसी का आरोप, भारत ने देश छोड़ने को कहा

पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात दो अधिकारियों के ख़िलाफ़ भारत ने रविवार रात को कार्रवाई की है। दोनों पर आरोप है कि ये भारत के ख़िलाफ़ जासूसी कर रहे थे। भारत ने दोनों अधिकारियों से 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने के लिए कहा है। 

‘इंडिया टुडे’ के मुताबिक़, ये दोनों शख़्स पाकिस्तानी उच्चायोग में बतौर वीजा अफ़सर काम करते थे। इनके नाम आबिद हुसैन और ताहिर ख़ान हैं और ये पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के लिए भी काम करते हैं। एक तीसरे शख़्स को भी हिरासत में लिया गया है, इसका नाम जावेद हुसैन है। 

इन लोगों से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और दूसरी एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं। 

ताज़ा ख़बरें

‘इंडिया टुडे’ के मुताबिक़, आबिद हुसैन और ताहिर ख़ान को रविवार को करोलबाग से हिरासत में लिया गया। इस दौरान ये दोनों लोग किसी व्यक्ति से भारतीय सुरक्षा से जुड़े कोई दस्तावेज़ हासिल कर रहे थे और रंगे हाथों पकड़े गये। 

‘इंडिया टुडे’ के मुताबिक़, ये दोनों उस व्यक्ति को इस दस्तावेज़ के बदले में 15 हज़ार रुपये नकद और आई फ़ोन दे रहे थे। जावेद हुसैन भी मौक़े पर ही था। शुरुआत में आबिद और ताहिर ने दावा किया कि वे भारतीय नागरिक हैं और फ़र्जी आधार कार्ड दिखाये लेकिन पूछताछ के दौरान उन्होंने सच उगल दिया। 

देश से और ख़बरें

42 साल का आबिद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के शेखपुरा का जबकि 44 साल का ताहिर इस्लामाबाद का रहने वाला है। जावेद हुसैन पाकिस्तान के भक्कर में रहता है। 

अक्टूबर, 2016 में भी ऐसी ही घटना हुई थी। तब भी पाकिस्तानी उच्चायोग में काम करने वाले एक अधिकारी को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जासूसी के आरोप में पकड़ा था। 

अवांछित व्यक्ति घोषित 

भारत सरकार ने इन दोनों अधिकारियों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया है। भारत ने इस बारे में पाकिस्तानी उच्चायोग में मजबूत विरोध दर्ज कराया है और कहा है कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के ख़िलाफ़ इस तरह की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पाकिस्तानी उच्चायोग से कहा गया है कि वह इस बात को सुनिश्चित करे कि उसके राजनयिक मिशन में लगे लोग ऐसे कामों में शामिल न हों। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें