कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से पूरी दुनिया के शेयर बाज़ार में खून-खच्चर मचा हुआ है। भारत के शेयर बाज़ार पर भी बहुत ही बुरा असर पड़ा है। बंबई स्टॉक एक्सचेंज का संवेदनशील सूचकांक सेंसेक्स दोपहर के पहले ही 2707.39 अंक टूट कर 32,990.01 अंक पर पहुँच गया। यह एक सत्र में होने वाली अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ़्टी 809.75 गिर कर 9,648.65 तक जा गिरा। दो साल में पहली बार निफ़्टी 10,000 अंक से नीचे गया है।
दुनिया भर में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस का असर बाज़ारों पर भी होने लगा है। गुरुवार सुबह सेंसेक्स 1821 अंक नीचे गिरकर 33,876.13 पर खुला जबकि निफ़्टी 541 अंक गिरकर 9,916.55 अंक पर खुला। बीते सोमवार को भी कोरोना वायरस और यस बैंक के घटनाक्रम की वजह से सेंसेक्स 1,941 अंक और निफ़्टी 538 अंक गिर गया था। क्रेडिट रेटिंग एजेन्सी क्रिसिल ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि वित्तीय वर्ष 2020-2021 की पहली तिमाही पर कोरोना वायरस के संक्रमण की मार पड़ेगी।
कोरोना वायरस से ख़ुद को बचाने के लिये भारत ने बड़ा फ़ैसला किया है। भारत ने ख़ुद को पूरी दुनिया से अलग करने का फ़ैसला लिया है। यह फ़ैसला आज रात से लागू होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है। केंद्र सरकार ने दुनिया के किसी भी देश से आने वाले लोगों का वीजा 15 अप्रैल तक निलंबित कर दिया है।
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