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सीएए: होर्डिंग्स पर कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा - कोई क़ानून आपका समर्थन नहीं करता

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक संपत्ति के नुक़सान की वसूली के लिए होर्डिंग्स लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख़्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा है कि ऐसा कोई क़ानून नहीं है जो आपके होर्डिंग लगाने की कार्रवाई का समर्थन करता हो। इन होर्डिंग्स में लोगों को नागरिकता क़ानून के विरोध में हुई हिंसा के लिये जिम्मेदार ठहराते हुए उनसे वसूली करने की बात लिखी गई है। होर्डिंग्स में लोगों की तसवीरें लगाई गई हैं और कहा गया है कि इन लोगों से 67 लाख रुपये की वसूली की जानी है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फ़ैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि तीन जजों की बेंच इस मामले में सुनवाई करेगी। अदालत ने जिन भी लोगों के नाम होर्डिंग्स में हैं, उन सभी को इस मामले में पार्टी बनने पर सहमति दे दी है। जस्टिस यू.यू. ललित ने पूछा, ‘ग़लत काम करने वालों पर एक्शन होना चाहिए लेकिन क्या राज्य उससे भी आगे जा सकता है।’
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इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट से योगी सरकार को झटका लगा था। हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद लखनऊ के जिलाधिकारी और संभागीय आयुक्त से कहा था कि इन होर्डिंग्स को 16 मार्च तक हटा दिया जाए। इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया था। लेकिन योगी सरकार ने कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। 
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क़मर वहीद नक़वी

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