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बीजेपी को डर, कहीं उल्टा न पड़ जाए शिवकुमार पर ईडी का एक्शन

लगता है कि कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार की गिरफ़्तारी कर्नाटक में बीजेपी को भारी पड़ सकती है। शिवकुमार की गिरफ़्तारी के विरोध में कांग्रेस और उनके समर्थक आज बेंगलुरु में प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस और राज्य में उसकी सहयोगी रही जेडीएस ने कर्नाटक में यह संदेश दिया है कि बीजेपी बदले की भावना से काम कर रही है और विपक्ष के नेताओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है। 

लेकिन इससे भी बड़ी बात डीके शिवकुमार की व्यक्तिगत छवि है। बताया जाता है कि सभी दलों में उनके मित्र हैं और वह कर्नाटक के जिस ताक़तवर वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं, उसमें शिवकुमार की गिरफ़्तारी से ग़लत संदेश गया है। आज के प्रदर्शन में वोक्कालिगा समुदाय के भी 10 से ज़्यादा संगठनों के भाग लेने की सूचना है। शिवकुमार 13 सितंबर तक ईडी की हिरासत में हैं। 

बीजेपी कह रही है कि शिवकुमार की गिरफ़्तारी से उसका कोई लेना-देना नहीं है लेकिन यह बात आम है कि शिवकुमार की ही वजह से बीजेपी को कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए लंबा इंतजार भी करना पड़ा और पसीना भी ख़ूब बहाना पड़ा।

दूसरी ओर, शिवकुमार की बेटी ऐश्वर्या को भी ईडी ने पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। ईडी ने ऐश्वर्या को 12 सितंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। डीके शिवकुमार 2016 से ही आयकर विभाग और ईडी के रडार पर थे। आयकर विभाग ने अगस्त 2017 में उनके दिल्ली के फ़्लैट पर छापा मारा था जिसमें करोड़ों की नक़दी बरामद हुई थी। इसके बाद विभाग ने शिवकुमार और उनके सहयोगियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किए थे। 

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याद दिला दें कि मनी लांड्रिंग के आरोपों में जब शिवकुमार को गिरफ़्तार किया था तो उन्होंने जाँच एजेंसी से अपने पिता की समाधि पर जाने की छूट माँगी थी लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली थी। इसके बाद शिवकुमार भावुक हो गए थे और इसे लेकर उनके पक्ष में सहानुभूति का माहौल है। बीजेपी को इस बात का डर सता रहा है कि शिवकुमार की गिरफ़्तारी से वोक्कालिगा समुदाय उससे नाराज हो सकता है। 

शिवकुमार को चुनाव प्रबंधन में माहिर माना जाता है और फ़ंड जुटाने से लेकर रैलियों में भीड़ जुटाने का काम वह करते रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस अपने मजबूत नेता के साथ पूरी ताक़त के साथ खड़े दिखने की कोशिश कर रही है।

कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार जब तक चली, इसे बचाने में डीके शिवकुमार का अहम योगदान रहा है और पार्टी भी इसे समझती है। इसीलिए बेंगलुरु में आज हो रहे प्रदर्शन में कांग्रेस पूरी ताक़त दिखा रही है। शिवकुमार को रिजॉर्ट पॉलिटिक्स का माहिर माना जाता है। गुजरात में जब राज्यसभा का चुनाव हुआ था तो कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल को जिताने में भी शिवकुमार का अहम रोल रहा था। 

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वोक्कालिगा और लिंगायत की राजनीति

कर्नाटक की राजनीति में वोक्कालिगा और लिंगायत बेहद प्रभावशाली समुदाय हैं और एक के साथ आने पर दूसरे के नाराज होने का डर राजनीतिक दलों को बना रहता है। चूंकि मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय से आते हैं तो यह संदेश जा रहा है कि बीजेपी ने शिवकुमार की गिरफ़्तारी करवाई है और इससे वोक्कालिगा समुदाय में जो नाराजगी है उससे बीजपी डरी हुई है। क्योंकि बीजेपी में भी वोक्कालिगा समुदाय के नेता हैं और पार्टी को उनके भी वोट चाहिए। 

शिवकुमार की गिरफ़्तारी पर जब बीजेपी के नेता, कार्यकर्ताओं के ख़ुशियाँ मनाने की ख़बरें आई थीं तो येदियुरप्पा ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि वह इससे दुखी हैं। क्योंकि येदियुरप्पा और बीजेपी यह क़तई नहीं चाहते कि वोक्कालिगा समुदाय उनसे नाराज हो।
अपनी गिरफ़्तारी के बाद शिवकुमार ने बीजेपी पर तंज कसा था। शिवकुमार ने कहा था कि वह बीजेपी के अपने दोस्तों को बधाई देना चाहते हैं कि आख़िरकार वे उन्हें गिरफ़्तार कराने के अपने मिशन में सफल हुए। शिवकुमार ने यह भी कहा था कि आयकर विभाग और ईडी के द्वारा उनके ख़िलाफ़ जो केस दर्ज किये गये हैं, वे पूरी तरह राजनीति से प्रेरित हैं और वह बीजेपी की बदला लेने की भावना वाली राजनीति का शिकार हुए हैं। 

येदियुरप्पा को यह भी डर है कि ईडी की कार्रवाई से राज्य में और वोक्कालिगा समुदाय के लोगों में शिवकुमार की छवि एक हीरो के रूप में बनेगी। इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इस समुदाय के वोट मिले थे लेकिन शिवकुमार की गिरफ़्तारी से उसे सियासी नुक़सान हो सकता है। बीजेपी ने अपनी लिंगायत समर्थक छवि बदलने के लिए ही राज्य में वोक्कालिगा समुदाय से आने वाले अश्वथ नारायण को उप मुख्यमंत्री बनाया है। 

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प्रदर्शनकारी बुधवार को बसावनगुडी में नेशनल कॉलेज से विरोध मार्च शुरू करेंगे और यह फ़्रीडम पार्क पर समाप्त होगा। बताया जाता है कि यह मार्च 5 किमी. लंबा होगा और बेंगलुरु शहर के कई इलाक़ों से गुजरेगा। बता दें कि शिवकुमार की गिरफ़्तारी के बाद भी कर्नाटक में वोक्कालिगा समुदाय और कांग्रेस समर्थकों ने जोरदार प्रदर्शन किया था। 

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क़मर वहीद नक़वी

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