loader
समीर वानखेड़े

एनसीबी के समीर वानखेड़े का आरोप, पुलिस कर रही है उनकी जासूसी

क्रूज़ ड्रग्स मामले व इसमें फँसे शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान के मामले की जाँच कर रहे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो मुंबई के ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने मुंबई पुलिस के 2 कर्मियों पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। वानखेड़े ने महाराष्ट्र के डीजीपी संजय पांडे से मिलकर शिकायत की है कि मुंबई पुलिस के दो पुलिसकर्मी उनकी जासूसी कर रहे हैं। वानखेड़े ने अपनी शिकायत में कहा है कि पिछले लगभग 3 दिनों से पुलिस के 2 जवान सादा वर्दी में उनका पीछा कर रहे हैं। वानखेड़े ने सबूत के तौर पर इन कथित पुलिसवालों का सीसीटीवी फुटेज भी डीजीपी को दिया है।

एनसीबी के ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने महाराष्ट्र के डीजीपी से मिलकर कहा है कि उन्होंने इस बात को महसूस किया है कि पिछले 3 दिनों से उनका कोई पीछा कर रहा है। दरअसल, कुछ साल पहले वानखेड़े की माँ का निधन हो गया था और उन्हें ओशिवारा की कब्रिस्तान में दफनाया गया था। वानखेड़े अक्सर अपनी मां की कब्र पर प्रार्थना करने के लिए चले जाते हैं। 3 दिन पहले वानखेड़े को लगा कि जब वह अपने घर से ओशिवारा कब्रिस्तान जाने के लिए निकले तो दो लोग मोटरसाइकिल से उनका पीछा कर रहे थे। 

ताज़ा ख़बरें

वानखेड़े जब अंदर अपनी माँ की कब्र के पास पहुँचे तो देखा कि ये दोनों लोग भी कब्रिस्तान के अंदर ही पहुँच गए। और इसके बाद से ये दोनों लोग उनका पीछा कर रहे हैं। वानखेड़े ने जब इन दोनों लोगों की तस्दीक करनी चाहिए तो उन्हें कब्रिस्तान के सीसीटीवी से पता लगा कि उनका पीछा करने वाला कोई और नहीं बल्कि मुंबई पुलिस के ही दो जवान हैं।

वानखेड़े ने ओशिवारा कब्रिस्तान का वह सीसीटीवी फुटेज भी डीजीपी संजय पांडे को दिया है जिसमें ये दोनों कथित पुलिस वाले उनका पीछा करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसके साथ ही वानखेड़े ने एनसीबी के दूसरे अधिकारियों की भी जासूसी करने का आरोप लगाया है।

दरअसल, समीर वानखेड़े ने 2 अक्टूबर को शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान को ड्रग्स रैकेट मामले में गिरफ्तार किया था। उसके बाद आर्यन ख़ान सहित 20 लोगों को एनसीबी अब तक उस मामले में गिरफ्तार कर चुकी है।

आर्यन ख़ान की गिरफ्तारी के बाद से समीर वानखेड़े एकाएक चर्चा में आ गए। इससे पहले सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद भी वानखेड़े ने बॉलीवुड के कई फ़िल्मी सितारों को ड्रग्स के सेवन करने के मामले में गिरफ्तार किया था। जिनमें रिया चक्रवर्ती का नाम प्रमुख तौर पर था।

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर बीजेपी नेताओं से मिलीभगत का आरोप लगाया था। नवाब मलिक का कहना था कि जब एनसीबी ने क्रूज़ पर छापेमारी की थी तो बीजेपी के 2 लोग वहाँ पर मौजूद थे। इसके अलावा नवाब मलिक ने यह भी आरोप लगाया कि एनसीबी ने कुल 11 लोगों को हिरासत में लिया था लेकिन तीन लोगों को बाद में छोड़ दिया था। छोड़े गए लोगों में एक बीजेपी नेता मोहित कंबोज का साला भी था।

aryan khan case probe: ncb zonal director samir wankhede alleges of spying  - Satya Hindi

आपको बता दें कि समीर वानखेड़े के ही नेतृत्व में एनसीबी की टीम ने मुंबई से गोवा जा रहे कॉर्डेलिया क्रूज़ पर छापेमारी करके ड्र्ग्स बरामद किया था और उसी मामले में अभी तक आर्यन ख़ान समेत 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 2 अक्टूबर की रात हुई इस छापेमारी में आर्यन ख़ान सहित आठ लोगों को हिरासत में लिया गया था, फिर इनसे पूछताछ के बाद इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। आर्यन ख़ान इस मामले में फ़िलहाल मुंबई के ऑर्थर रोड जेल में बंद हैं। आर्यन ख़ान ने सोमवार को मुंबई के सेशन कोर्ट में ज़मानत के लिए अर्जी लगाई थी लेकिन एनसीबी ने आर्यन की ज़मानत का विरोध करते हुए अदालत से अपना जवाब रखने ले लिए एक हफ्ते का समय मांगा था। लेकिन अदालत ने एनसीबी से 2 दिन में अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। आर्यन की ज़मानत पर सुनवाई अब 13 अक्टूबर को होगी।

महाराष्ट्र से और ख़बरें

इससे पहले एनसीबी ने शाहरुख ख़ान के ड्राइवर का भी बयान दर्ज किया था। ड्राइवर ने अपने बयान में एनसीबी को बताया है कि 2 अक्टूबर के दिन आर्यन ख़ान अपने दोस्त अरबाज़ मर्चेंट और प्रतीक गाबा के साथ अपने घर पर ही मौजूद था एवं दोपहर में उसने इन तीनों को मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के उस गेट पर छोड़ा था जहाँ से इन तीनों ने क्रूज़ पर जाने के लिए एंट्री की थी। लेकिन क्रूज़ पर चढ़ने से पहले ही एनसीबी की टीम ने आर्यन ख़ान को उसके दोस्त अरबाज़ मर्चेन्ट और प्रतीक गाबा के साथ हिरासत में ले लिया था। जबकि सुबूतों के अभाव के चलते प्रतीक गाबा को छोड़ दिया गया था।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
सोमदत्त शर्मा

अपनी राय बतायें

महाराष्ट्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें