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मुंबई पहुंचे पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह 

मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह अचानक गुरूवार सुबह मुंबई पहुंच गए। उनके बारे में ऐसी ख़बरें आ रही थीं कि वे देश छोड़कर भाग गए हैं लेकिन बुधवार शाम को ही उन्होंने दावा किया था कि वे चंडीगढ़ में हैं। उनके वकील ने भी सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि उनके मुवक्किल देश में ही हैं। 

परमबीर सिंह ने न्यूज़ चैनल आज तक से कहा है कि वे जांच में शामिल होने के लिए मुंबई आए हैं और उन्हें जो कुछ भी कहना है कि वे अदालत में कहेंगे। 

मुंबई की एक स्थानीय अदालत परमबीर सिंह को घोषित अपराधी क़रार दे चुकी है और कम से कम तीन मामलों में उनके ख़िलाफ़ ग़ैर जमानती वारंट जारी किया जा चुका है। 

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परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ इस समय मुंबई और ठाणे में 5 मामले दर्ज हैं जिनमें से ज़्यादातर मामले जबरन उगाही के हैं। मुंबई पुलिस और ठाणे पुलिस द्वारा परमबीर के ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था। 

परमबीर सिंह को समन देने के लिए एनआईए की टीम ने चंडीगढ़, रोहतक और छत्तीसगढ़ तक छापेमारी की थी। महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित चांदीवाल कमीशन ने भी परमबीर को कई बार समन भेजा लेकिन कमीशन के अधिकारी उन तक नहीं पहुंच सके थे। 

ये मामले हैं दर्ज 

परमबीर सिंह और कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ कारोबारी केतन तन्ना ने ठाणे में वसूली का मामला दर्ज कराया था। तन्ना ने आरोप लगाया था कि परमबीर सिंह जब जनवरी 2018 से फरवरी 2019 के बीच ठाणे के पुलिस कमिश्नर थे तो सिंह और उनके साथियों ने उन्हें गंभीर मामलों में फंसाने की धमकी देकर उनसे 1 करोड़ 25 लाख रुपये वसूले थे।

परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ ठाणे के कोपरी पुलिस स्टेशन में एक बिल्डर के रिश्तेदार शरद अग्रवाल से कथित तौर पर पैसे वसूलने और फिरौती के लिए उसका अपहरण करने का मामला दर्ज किया गया था। शिकायत में अग्रवाल ने कहा था कि उसे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के दाहिने हाथ छोटा शकील से फोन करा कर धमकी भी दी गई थी। 

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पुलिस निरीक्षक भीमराव घाडगे की शिकायत पर भी परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई थी। घाडगे ने आरोप लगाया था कि ठाणे पुलिस आयुक्त रहते हुए परमबीर सिंह ने एक मामले में अभियुक्तों को बचाने के लिए उनपर दबाव बनाया था। उनके नहीं मानने पर उन्हें परेशान किया गया और उनके ख़िलाफ़ ही झूठा मामला बना दिया गया।

सचिन वाज़े केस के बाद परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया गया था। उसके बाद परमबीर ने महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की वसूली के आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी जिसके बाद अनिल देशमुख को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। 

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क़मर वहीद नक़वी

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