loader

सचिन वाज़े के पास था आलीशान कारों का ज़खीरा!

मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर मिली स्कॉर्पियो कार मामले में हर रोज एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं। अब महाराष्ट्र एटीएस ने सचिन वाजे की एक और कार वॉल्वो को केंद्र शासित प्रदेश दमन से ज़ब्त किया है। कुल मिलाकर केंद्रीय जाँच एजेंसी एनआईए और महाराष्ट्र एटीएस दोनों ने अब तक सचिन वाज़े की 6 कारों को ज़ब्त किया है। ऐसे में जाँच एजेंसियों को भी यह समझ में नहीं आ रहा है कि आख़िर सचिन वाजे के पास इतनी महंगी कारों का जखीरा कहाँ से आया।

मनसुख हिरेन मर्डर मामले की जाँच कर रही महाराष्ट्र एटीएस ने सोमवार देर रात दमन से एक काले रंग की वॉल्वो कार जब्त की है। यह वॉल्वो कार एक बड़े क़ारोबारी की बताई जा रही है। मनसुख हिरेन हत्याकांड मामले में गिरफ्तार किए गए मुंबई पुलिस के सस्पेंडेड कांस्टेबल विनायक शिंदे से पूछताछ में पता लगा कि मनसुख की हत्याकांड में एक वॉल्वो कार का भी इस्तेमाल किया गया था। उसके बाद कार को दमन में जाकर एक क़ारोबारी के यहाँ छुपा दिया था। विनायक से पूछताछ के बाद उसकी निशानदेही पर कार को दमन से ज़ब्त कर लिया गया है, हालाँकि मनसुख हिरेन की हत्या में इस कार का इस्तेमाल किस काम के लिए किया गया था उसकी छानबीन की जा रही है। 

ताज़ा ख़बरें

सबसे पहले 25 फ़रवरी को एंटीलिया के पास एक स्कॉर्पियो कार मिली थी जिसमें विस्फोटक रखे गए थे। हालाँकि कार मनसुख हिरेन की थी लेकिन चोरी होने के बाद से सचिन वाजे ने इस कार को अपने घर पर जाकर खड़ा कर दिया था। उसके बाद सचिन वाजे से जो दूसरी कार ज़ब्त की गई थी वह इनोवा कार थी जो घटना की रात स्कॉर्पियो कार के पीछे दिखाई दी थी। एनआईए की जांच में पता चला था कि यह स्कॉर्पियो कार सचिन वाजे की सरकारी गाड़ी थी जिसमें वाज़े अक्सर मुंबई क्राइम ब्रांच के दफ्तर आया जाया करते थे।

सचिन वाज़े के पास से मिली तीसरी कार मर्सिडीज कार थी जो कि किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड थी। सचिन वाज़े पुलिस कमिश्नर ऑफ़िस आने के लिए इस कार को लेकर आते थे। वैसे, प्राइवेट वहनों को मुंबई पुलिस कमिश्नर के दफ्तर में आने की इजाजत नहीं है लेकिन फिर भी सचिन वाजे इस कार को लेकर पुलिस कमिश्नर के दफ्तर में हर दूसरे-तीसरे दिन लेकर आते थे। 

एनआईए की जांच में पता चला था कि सचिन वाजे इस कार के मालिक नहीं हैं। एनआईए ने इस मर्सिडीज कार से पांच लाख सत्तर हज़ार रुपये कैश, एक नोट गिनने वाली मशीन, कुछ कपड़े और एक शराब की बोतल भी ज़ब्त की थी। उस समय सवाल उठे थे कि आख़िरकार सचिन वाजे अपनी गाड़ी में नोट गिनने वाली मशीन क्यों रखा करते थे। 

इस बात का खुलासा एनआईए के सूत्रों ने अब किया है कि सचिन वाजे अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर मुंबई के बार और पब से हफ्ता वसूली किया करते थे और इस नोट गिनने वाली मशीन का इस्तेमाल हफ्ता में मिले पैसों को गिनने के लिए किया जाता था।

एनआईए ने सचिन वाजे के पास से चौथी और पाँचवीं कार जो ज़ब्त की थी, ये दोनों कार मुंबई में एक पार्किंग लॉट से ज़ब्त की गई थीं। इनमें से एक लैंड क्रूज़र थी तो दूसरी मर्सिडीज थी। एनआईए ने लोकल आरटीओ की मदद से जब इन दोनों कार के मालिकों का पता निकाला तो पता चला कि ये दोनों कारें भी सचिन वाजे के नाम पर नहीं थीं। जब इन कारों के असली मालिकों से एनआईए ने पूछताछ की तो पता चला कि इन कारों के मालिकों ने कुछ समय पहले ही इन्हें किसी को बेच दिया था।

maharashtra ats seizes volvo car hidden in daman in sachin vaze and manshukh hiren case - Satya Hindi

एंटीलिया मामले में एनआईए ने सचिन वाजे की पाँच कारों को ज़ब्त किया था लेकिन सोमवार की रात ज़ब्त की गई छठी कार महाराष्ट्र एटीएस ने दमन से ज़ब्त की है। स्कॉर्पियो और इनोवा गाड़ी को छोड़कर यह पूरी तरह से साफ़ नहीं हो पाया है कि बाक़ी की चार कारों का इस घटना के लिए किस तरह से इस्तेमाल किया गया था।

ऐसे में अब यही सवाल उठता है कि आख़िरकार सचिन वाजे के पास इतनी महंगी गाड़ियों का जखीरा कैसे पहुँचता था। 

क्या सचिन वाजे हर घटना को अंजाम देने के लिए अलग-अलग कारों का इस्तेमाल करता था। फ़िलहाल इसी की जांच करने के लिए एनआईए अलग-अलग लोगों से पूछताछ भी कर रही है।
maharashtra ats seizes volvo car hidden in daman in sachin vaze and manshukh hiren case - Satya Hindi

एनआईए सूत्रों से पता चला है कि सचिन वाजे एटीएस द्वारा मनसुख हत्याकांड में गिरफ्तार किए गए विनायक शिंदे के साथ मिलकर मुंबई के पब और बार से अवैध वसूली करने के लिए इन हाई प्रोफाइल कारों का इस्तेमाल किया करता था। एनआईए के अधिकारियों को अंदेशा है कि सचिन वाजे के पास से और भी कई लग्जरी कारों को बरामद किया जा सकता है। 

बता दें कि सचिन वाजे एंटीलिया के बाहर मिले विस्फोटक मामले में एनआईए की हिरासत में है और एनआईए लगातार उससे विस्फोटक पदार्थों से लदी कार से जुड़े मामले और मनसुख हत्याकांड में पूछताछ कर रही है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
सोमदत्त शर्मा

अपनी राय बतायें

महाराष्ट्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें