मुंबई में जब भारी बारिश होने लगती है तो लोग साल 2005 के मंजर को याद कर सिहर से जाते हैं। दो महीने पहले जब 3 जून को निसर्ग साइक्लोन का साया मुंबई पर था, उससे भी कहीं ज़्यादा नुक़सान बुधवार को हुआ। इसका कारण यह है कि उस साइक्लोन से ज़्यादा तेज़ तूफ़ानी हवाएँ मुंबई में चलीं।
100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से हवा के साथ बारिश होने लगी तो लोगों में घबराहट होने लगी थी। कोरोना महामारी के कहर और लॉकडाउन से लोग पहले से ही घबराए हुए हैं और ऊपर से आसमान से बरसने वाली तूफ़ानी बारिश। मुंबई में पिछले 24 घंटों में बारिश ने 46 साल का रिकॉर्ड तोड़ डाला। क़रीब 300 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी। यह बारिश 26 जुलाई 2005 की भीषण बरसात की क़रीब एक तिहाई थी लेकिन सड़कों पर जो मंजर दिखाई दिया वह भी कम भयानक नहीं था। शुक्र यह था कि लॉकडाउन की वजह से अधिकांश लोग घरों में ही रहे।
15 साल पहले 26 जुलाई को 944 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी थी। सैकड़ों लोग मारे गए थे, मीठी नदी में उफ़ान के चलते मुंबई के उपनगरीय इलाक़े तबाह हो गए थे। लोग अपनी गाड़ियों में ही डूब कर मर गए थे। कई दिनों तक लोगों की लाशें पानी में बहती रहीं। हज़ारों घरों में पानी पहली मंज़िल तक घुस आया था। और सैकड़ों करोड़ का नुक़सान हुआ था। वैसा ही नज़ारा बुधवार शाम तक दिखने लगा था। सड़कों पर गाड़ियाँ तीन से चार फुट पानी में चल रही थीं। रेलवे ट्रैक पर पानी प्लेटफ़ॉर्म के स्तर तक भर गया था। मुंबई के जे. जे. अस्पताल में पानी भर गया। दक्षिण मुंबई के कोलाबा मौसम स्टेशन ने महज़ 12 घंटे में (सुबह 8.30 से रात 8.30 बजे तक) 293.8 मिमी बारिश दर्ज की।
मुंबई के लोगों ने 46 साल बाद अगस्त के महीने में ऐसी बारिश देखी है। मौसम विभाग के अनुसार साल 1974 के बाद (जब से मौसम विभाग ने रिकॉर्ड रखना शुरू किया) अगस्त महीने में 24 घंटे में यह अब तक की सबसे भीषण बारिश है। इससे पहले 1998 में 10 अगस्त को 24 घंटे में सबसे अधिक 261.9 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।
वहीं, कोलाबा क्षेत्र में हवा की रफ्तार 70 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 80 किलोमीटर प्रति घंटे थी, मगर शाम में क़रीब पाँच से साढ़े पाँच बजे यह रफ्तार 107 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुँच गई। यहाँ ध्यान देने वाली बात है कि हवा की यह स्पीड साइक्लोन से भी अधिक थी क्योंकि निसर्ग साइक्लोन के वक़्त हवा की रफ्तार 92 किलोमीटर प्रति घंटे दर्ज की गई थी। मुंबई में बारिश के दिनों में हवा की सामान्य रफ्तार 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटे होती है। वहीं तेज़ बारिश के दौरान इसकी स्पीड 25 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाती है।
मुंबई शहर में अब तक 1 जून से 5 अगस्त (8.30 बजे) के बीच 2066 मिमी के मौसमी औसत के मुक़ाबले 2,366 मिमी बारिश हुई है।
सांताक्रूज़ मौसम केंद्र ने अपने मौसमी औसत 2260.4 मिमी की तुलना में इसी अवधि के दौरान 2,356.9 मिमी बारिश दर्ज की है। बुधवार को शाम 8.30 बजे तक पिछले 59 घंटों में शहर में 456 मिमी बारिश हुई।
ग़ौरतलब है कि मुंबई बारिश से इस बार भी काफ़ी नुक़सान हुआ है। मौसम विभाग ने आज यानी गुरुवार को भी बारिश का अलर्ट जारी किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, मुंबई उप नगर ज़िला के पालक मंत्री आदित्य ठाकरे ने मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद स्थिति की समीक्षा की और लोगों से घरों से बाहर ना निकलने की अपील की। मुंबई बारिश में जहाँ-तहाँ लोग फँस गए हैं, जिन्हें सुरक्षित निकालने के लिए एनडीआरएफ़ की मदद ली जा रही है। दो लोकल ट्रेन में फँसे क़रीब 290 यात्रियों को एनडीआरएफ़ की टीम ने कल सुरक्षित निकाला। इसके अलावा, मुंबई, ठाणे और पालघर के इलाक़ों में आज भी तेज़ बारिश की आशंका जताई गई है।
1:51 बजे हाईटाइड की चेतावनी
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की मानें तो मुंबई शहर और उपनगरों में अगले 3-4 घंटों में 60-70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज़ हवाओं के साथ भारी वर्षा होने की संभावना है। वैसे आज सुबह से बारिश का असर कुछ कम है लेकिन यदि हाई टाइड के दौरान बारिश हुई तो सड़कों पर फिर से पानी भरने की आशंका बनी रहेगी। इस बारिश को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देर शाम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फ़ोन पर चर्चा भी की थी।
वैसे आज मुंबई सेन्ट्रल के समीप नायर अस्पताल में बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात हो गए। अस्पताल में घुटनों तक पानी भर गया है।
स्टेडियम और पोर्ट को नुक़सान
तूफ़ानी हवाओं के साथ हुई बारिश ने नवी मुंबई स्थित डीवाई पाटिल स्टेडियम को भी नुक़सान पहुँचाया है। यहाँ स्टेडियम की छत का एक हिस्सा उड़ गया। वहीं जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह में पोर्ट की बर्थ पर एक क्रेन गिर पड़ी। बताया जाता है कि इस क्रेन के गिरने से क़रीब 200 करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ है।
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