महाराष्ट्र में मुसलमानों की जनसंख्या 12 प्रतिशत है, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण होने वाली मौतों में उनकी हिस्सेदारी 44 प्रतिशत है। यानी, मुसलमानों की जो आबादी है, उस अनुपात से लगभग तीन गुणा अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
जमात से संपर्क?
महाराष्ट्र में कोरोना से पहली मौत 17 मार्च को हुई। उस समय से लेकर 15 अप्रैल तक राज्य में कोरोना से 187 लोगों की जान चली गई, इसमें 89 मुसलमान थे। इसी तरह 15 अप्रैल से 3 मई के बीच 361 लोगों की मृत्यु हो गई, जिसमें 150 मुसलमान थे।महाराष्ट्र में कोरोना से संक्रमित लोगों में सिर्फ 69 लोगों का संपर्क तबलीग़ी जमात से पाया गया है। कोरोना से होने वाली मौतों में सिर्फ़ एक आदमी का संपर्क जमात से था। वह फिलिपीन्स का नागरिक था।
सरकार की चूक?
राज्य के मुख्य महामारी विशेषज्ञ प्रदीप अवाटे ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'खाड़ी देशों से लौटे बहुत लोगों की हवाई अड्डे पर ही जाँच नहीं की जा सकी। कई लोगों में कोरोना के लक्षण नहीं दिखे, पर वे कोरोना से प्रभावित थे, उनमें से कई ने दूसरे लोगों को संक्रमित किया।'
केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार, 16 मार्च तक विदेशों से आए लोगों को क्वरेन्टाइन नहीं किया गया। तब तक चीन में कोरोना संक्रमण फैलने की बात हुए दो महीने हो चुके थे।
ग़रीबों पर अधिक क़हर
अवाटे ने यह भी कहा है कि महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के ज़्यादातर मामले कमज़ोर आर्थिक-सामाजिक पृष्ठभूमि से आ रहे हैं, ग़रीब घरों के लोग हैं।झोपड़पट्टियों में कोरोना संक्रमण अधिक तेज़ी से फैला। वहाँ सोशल डिस्टैंसिंग लागू करना मुश्किल है। ग़रीबी के कारण ही इन इलाक़ों में मुसलमानों की बड़ी तादाद है।
डरे हुए मुसलमान!
बृहन्मुंबई नगर निगम के उपायुक्त प्रशांत गायकवाड़ ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि मुंबई के एक मकान में 26 लोग ऐसे थे, जो हाल फ़िलहाल विदेश से लौटे थे। उस मकान में सिर्फ 1 आदमी को कोरोना हुआ। वहां संक्रमण नहीं फैला। लेकिन चाल में यही संक्रमण अधिक तेज़ी से फैल सकता है।“
तबलीग़ी जमात प्रकरण से मुसलमान डरा हुआ है। मुसलमान कोरोना की रिपोर्ट नहीं करता है, लक्षणों के बारे में दूसरों को नहीं बताता है।
रईस शेख, विधायक, भिवंडी
भारत के मुसलमानों की तुलना हम अमेरिका के अश्वेतों और हिस्पैनी मूल के लोगों से कर सकते हैं। नतीजे बताते हैं कि अमेरिका में कुल मरने वालों में अश्वेत लोगों का अनुपात सबसे अधिक है। इसके बाद हिस्पैनी और लैटिन मूल के लोग आते हैं। गोरों की संख्या इनके मुक़ाबले सबसे कम है, जबकि आबादी सबसे अधिक है।
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