loader

कहीं विदेश फरार तो नहीं हो गए हैं परमबीर सिंह!

मुकेश अंबानी एंटीलिया कार विस्फोटक मामले और मनसुख हिरेन मर्डर केस की जांच कर रही जाँच एजेंसी एनआईए को शक है कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह कहीं देश छोड़कर फरार तो नहीं हो गए। एनआईए सूत्रों का कहना है कि परमबीर सिंह को एजेंसी ने कई बार समन देने की कोशिश की है लेकिन वह अपने दिए हुए पते पर नहीं मिले हैं।

परमबीर को समन देने के लिए एनआईए की टीम चंडीगढ़, रोहतक और छत्तीसगढ़ तक छापेमारी कर चुकी है लेकिन परमबीर सिंह का कोई पता नहीं चल पाया है। इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित चांदीवाल कमीशन ने भी परमबीर को कई बार समन भेजा लेकिन कमीशन के अधिकारी उन तक नहीं पहुँच सके हैं। अब एजेंसियों को अंदेशा है कि गिरफ्तारी के डर से कहीं परमबीर देश छोड़कर तो फरार नहीं हो गए हैं।

ताज़ा ख़बरें

मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह पिछले 4 महीने से लापता हैं। एनआईए ने मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह को पूछताछ के लिए अप्रैल में बुलाया था। उस दौरान परमबीर सिंह एनआईए के सामने हाजिर भी हुए थे और अपना बयान भी दर्ज कराया था लेकिन उसके बाद से एनआईए द्वारा परमबीर सिंह को कई बार समन जारी किया जा चुका है लेकिन अभी तक वह किसी भी समन पर एजेंसी के सामने हाजिर नहीं हो पाए हैं। एनआईए के अधिकारी परमबीर सिंह के मुंबई स्थित सरकारी आवास के अलावा उनके चंडीगढ़ के आवास और रोहतक के घर पर भी समन लेकर पहुंचे लेकिन परमबीर वहाँ पर भी एजेंसी के अधिकारियों को नहीं मिले। 

परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ इस समय मुंबई और ठाणे में 5 मामले दर्ज हैं जिनमें से ज़्यादातर मामले जबरन उगाही के हैं। मुंबई पुलिस और ठाणे पुलिस द्वारा परमबीर के ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया है। 

गिरफ्तार और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे द्वारा पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए वसूली के आरोपों की जांच करने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित किए गए चांदीवाल आयोग द्वारा भी परमबीर सिंह को कई बार समन जारी किए गए लेकिन परमबीर ने आयोग के किसी भी समन का जवाब नहीं दिया। 

चांदीवाल आयोग ने परमबीर के ऊपर समन पर हाजिर नहीं होने के चलते दो बार जुर्माना भी लगाया लेकिन परमबीर के वकील ने जुर्माने की रक़म महाराष्ट्र कोविड-19 रिलीफ़ फंड में जमा करा दी थी। चांदीवाल आयोग को भी लगता है कि परमबीर शायद देश छोड़कर भाग गए हैं।

इसी महीने एनआईए ने एंटीलिया विस्फोटक और मनसुख हिरेन मर्डर केस में चार्जशीट फाइल की थी।

इसने चार्जशीट में खुलासा किया था कि सचिन वाजे को एंटीलिया केस में जांच अधिकारी परमबीर ने ही बनाया था। इसलिए इस मामले में शक की सुई परमबीर पर भी जा रही है। एनआईए द्वारा दायर की गई चार्जशीट में एनआईए को कई ऐसे सबूत मिले थे जिसके चलते एनआईए एक बार फिर से परमबीर से पूछताछ करना चाहती थी। 

nia suspect if param bir singh fled the country amid antilia bomb-scare case probe - Satya Hindi

परमबीर सिंह पर क्यों शक है?

एनआईए को परमबीर सिंह पर शक इसलिए भी हो रहा है क्योंकि एनआईए ने अपनी चार्जशीट में इस बात का ज़िक्र किया है कि एक साइबर एक्सपर्ट ने अपने जवाब में एनआईए को बताया था कि एंटीलिया के पास स्कॉर्पियो कार से जो जिलेटिन की छड़ें मिली थी उसके बाद टेलीग्राम चैनल के ज़रिये मिली धमकी को मॉडिफाई करने के लिए परमबीर सिंह ने उस साइबर एक्सपर्ट को 5 लाख रुपये बतौर रिश्वत दिए थे। 

महाराष्ट्र से और ख़बरें

परमबीर के ख़िलाफ़ दर्ज हैं 5 केस

परमबीर सिंह का एंटीलिया विस्फोटक मामले और मनसुख हिरेन हत्याकांड में सीधा कोई लिंक नहीं मिला था लेकिन उनके लापता होने के बाद मुंबई और ठाणे में परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ जबरन वसूली के 5 मामले दर्ज हो गए। इसके बाद एनआईए के अलावा सीआईडी और ठाणे पुलिस ने परमबीर के ख़िलाफ़ लुकआउट सर्कुलर भी जारी कर दिया। लेकिन सवाल यही उठता है कि जब परमबीर सिंह के ख़िलाफ़ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया गया तो आख़िर परमबीर सिंह देश छोड़कर कैसे फरार हो सकते हैं। ‘सत्य हिंदी’ ने परमबीर के मोबाइल पर कई बार फोन भी किया लेकिन उनका फोन बंद आ रहा है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
सोमदत्त शर्मा

अपनी राय बतायें

महाराष्ट्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें