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राउत ने फिर कहा, महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा

महाराष्ट्र में बीजेपी के सरकार बनाने में अक्षमता ज़ाहिर करने पर शिवेसना ने अपनी बात को दुहराया है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने जोर देकर कहा है कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री शिवसेना का ही बनेगा। महाराष्ट्र में चुनावी नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना मुख्यमंत्री पद की कुर्सी को लेकर अड़ी हुई है। शिवसेना कहती रही है कि लोकसभा चुनाव के दौरान उसका बीजेपी के साथ 50:50 का फ़ॉर्मूला तय हुआ था। शिवसेना के मुताबिक़, इस फ़ॉर्मूले के तहत मुख्यमंत्री का पद दोनों पार्टियों के पास ढाई-ढाई साल के लिये रहेगा। लेकिन बीजेपी मुख्यमंत्री पद के बंटवारे के लिये तैयार नहीं हुई और अंतत: बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल के पास जाकर सरकार बनाने में अपनी अक्षमता ज़ाहिर कर दी। 
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शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने रविवार शाम को पत्रकारों से कहा, ‘पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज कहा है कि मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा। अगर शिवसेना प्रमुख ने यह कहा है तो इसका मतलब यही है कि किसी भी क़ीमत पर मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा।’ 

राउत ने कुछ दिन पहले कहा था, ‘हमारे पास अपना मुख्यमंत्री बनाने के लिए ज़रूरी विधायकों का आंकड़ा है। हमें इसे यहां दिखाने की ज़रूरत नहीं है और इसे विधानसभा में दिखायेंगे। हमारे पास विकल्प हैं, हम बिना विकल्पों के बात नहीं करते हैं।’ 
महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान में उस समय हंगामा मच गया था जब बृहस्पतिवार को शिवसेना ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाये थे। शिवसेना ने कहा था कि बीजेपी उसके विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है। अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे संपादकीय में शिवसेना ने कहा था कि महाराष्ट्र के लोग चाहते हैं कि मुख्यमंत्री शिवसेना का ही बनना चाहिए। संपादकीय में सहयोगी पार्टी बीजेपी पर आरोप लगाया गया था कि बीजेपी सरकार बनाने के लिये धनबल का इस्तेमाल कर रही है। 
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महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना बीजेपी पर ख़ासी हमलावर रही है। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के ताज़ा संपादकीय में एक बार फिर बीजेपी पर हमला बोला गया। 

शिवसेना ने रविवार को बीजेपी की तुलना हिटलर से की है। शिवसेना ने कहा है कि महाराष्ट्र दिल्ली का ग़ुलाम नहीं है। इससे पहले भी शिवसेना की ओर से कहा जा चुका है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी का फ़ैसला महाराष्ट्र में होगा न कि दिल्ली से। 

‘सामना’ में शिवसेना ने कहा है कि दूसरों को डराने की चालों के बाद भी बीजेपी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला और अब एजेंसियों को स्वतंत्र रूप से काम करना चाहिए। शिवसेना का इशारा चुनाव से पहले दल-बदल कर बीजेपी में शामिल हुए नेताओं की ओर हो सकता है। क्योंकि विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी संख्या में दूसरे दलों के नेता बीजेपी में शामिल हुए थे और यह कहा गया था कि इनमें से कई नेताओं को जाँच एजेंसियों के द्वारा कथित रूप से डराया गया। 

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क़मर वहीद नक़वी

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